नई दिल्ली:
कानून मंत्रालय ने कहा है कि उसके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जिससे पता चल सके कि नागरिकों को ‘भारत माता की जय’ बोलने को मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. आरटीआई कार्यकर्ता मोहम्मद इरफान कादरी ने आरटीआई मंत्रालय को आवेदन देकर जानना चाहा था कि ‘भारत माता की जय’ बोलना क्या किसी नागरिक के लिए कानूनी बाध्यता है, और क्या एक नागरिक इसे बोलने पर मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपना सकता है.
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मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने बताया, ‘कानून मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने आवेदक को सूचित किया है कि मांगी गई जानकारी का आरटीआई अधिनियम की धारा 2 (एफ) और धारा दो के तहत कोई रिकॉर्ड नहीं है.’
आरटीआई अधिनियम के तहत ‘सूचना’ का अर्थ होता है ऐसी सामग्री जिस तक कोई लोक प्राधिकार उस समय लागू कानून के तहत पहुंच हासिल कर सकता हो. माथुर ने हालांकि यह कहते हुए मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया कि मंत्रालय का जवाब संतोषजनक है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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