
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की सरकार बनाने से पहले केंद्र सरकार ने ये साफ़ कर दिया है कि आर्टिकल 370 के साथ छेड़छाड़ करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
गृह मंत्रालय ने अपने लिखित जबाब में संसद को बताया इसे बदलने का कोई इरादा नहीं है।
ये अहम इसीलिए भी है क्यूंकि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुफ़्ती मोहम्मद सईद सरकार बनाने से पहले राज्य की पेचीदगियों को लेकर मुलाकात करने वाले हैं।
अब सब दोनों की बातचीत के बाद सामने लाया जाएगा। मेहबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि ध्यान देने वाली बात है, केंद्र सरकार मुफ़्ती साहब की सरकार जम्मू-कश्मीर में चाहती है।
हाल में हुए चुनावों में कुल 87 सीटों में पीडीपी को 28 और बीजेपी को 25 सीटें हासिल हुई थी।
उधर, कांग्रेस पार्टी इस सरकार को 'अनहोली' करार दे रही है। ये सिर्फ एक समझौता है लोगों को जल्द पता चल जाएगा की मुफ़्ती सरकार ने क्या सोचकर ये गठबंधन किया।
सैफुद्दीन सोज़ का कहना है कि दरअसल राजनीति में अक्सर समीकरण बदलते रहते हैं। बीजेपी और पीडीपी भी अपने इस गठजोड़ को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के दायरे के तहत नहीं, बल्कि वर्किंग अलायन्स के दायरे के तहत लाना चाहते हैं। नाम चाहे जो भी हो देखना यह है कि एक पार्टी दूसरे के आगे कितना झुकती है और जम्मू कश्मीर के लोगों को किस हद तक एक स्थिर सरकार दे पाती है।
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