नई दिल्ली:
उम्र विवाद पर खींचतान के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को मनाने का प्रयास किया और उनसे पद न छोड़ने की अपील की।
जनरल सिंह ने जब वह याचिका वापस ले ली जिसमें उन्होंने आधिकारिक रिकार्डों में अपनी जन्मतिथि में सुधार कर 10 मई 1951 रखने की मांग की थी, तब महान्यायवादी जीई वाहनवती ने सर्वोच्च न्यायालय में उनसे पद न छोड़ने की अपील की।
वाहनवती ने अदालत से कहा कि सरकार को किसी भी स्थिति में सेना प्रमुख की सत्यनिष्ठा और योग्यता पर संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख की याचिका का विरोध करने का सरकार का निर्णय उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह को प्रतिबिंबित नहीं करता।
वाहनवती ने कहा, "हमें सेना का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर पूरा विश्वास और आस्था है और हम आशा तथा प्रार्थना करते हैं कि वह देश को अपनी सेवा से वंचित न करें।"
जनरल सिंह ने जब वह याचिका वापस ले ली जिसमें उन्होंने आधिकारिक रिकार्डों में अपनी जन्मतिथि में सुधार कर 10 मई 1951 रखने की मांग की थी, तब महान्यायवादी जीई वाहनवती ने सर्वोच्च न्यायालय में उनसे पद न छोड़ने की अपील की।
वाहनवती ने अदालत से कहा कि सरकार को किसी भी स्थिति में सेना प्रमुख की सत्यनिष्ठा और योग्यता पर संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख की याचिका का विरोध करने का सरकार का निर्णय उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह को प्रतिबिंबित नहीं करता।
वाहनवती ने कहा, "हमें सेना का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर पूरा विश्वास और आस्था है और हम आशा तथा प्रार्थना करते हैं कि वह देश को अपनी सेवा से वंचित न करें।"