देश में 11 राज्यों के राज्यपालों का 5 साल का कार्यकाल जल्दी पूरा होने जा रहा है. यहां नए राज्यपालों की नियुक्ति की जाएगी. BJP ने अपने कई सीनियर नेताओं को इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ाया था. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि BJP अपने इन नेताओं को राज्यपाल बना सकती है. इसमें वीके सिंह, अश्विनी चौबे और डॉ. हर्षवर्धन का नाम शामिल है. जबकि कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र नाथ पांडेय, आर के सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी को लोकसभा चुनाव में हार मिली है. सूत्रों के मुताबिक, ये सभी नेता राज्यपाल बनने की दौड़ में शामिल हैं.
जनरल वीके सिंह (रिटायर्ड), डॉ. हर्षवर्धन और अश्विनी चौबे पिछली लोकसभा में बतौर बीजेपी सांसद मौजूद थे. ये तीनों मोदी कैबिनेट में भी शामिल रहे थे. इस बार तीनों संसद से दूर हैं और इन्हें सरकार में भी शामिल नहीं किया गया है. वीके सिंह की बात करें, तो वह गाजियाबाद से 2014 और 2019 के चुनाव में सांसद चुने जा चुके हैं. जबकि डॉ. हर्षवर्धन चांदनी चौक से सांसद रहे हैं. वहीं, अश्विनी चौबे बक्सर से लगातार दो बार सांसद चुने गए थे.
किन राज्यों के राज्यपालों का पूरा हो रहा कार्यकाल?
यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो रहा है. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का कार्यकाल 9 सितंबर को खत्म हो रहा है, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का कार्यकाल 22 जुलाई को पूरा हो रहा है. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कार्यकाल 6 सितंबर को खत्म हो रहा है.
पंजाब के राज्यपाल ने दिया इस्तीफा
वहीं, पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित इस्तीफा दे चुके हैं. अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है.
रमेश बैस और बंडारू दत्तात्रेय का भी खत्म हो रहा कार्यकाल
इसी तरह हरियाणा में बंडारू दत्तात्रेय, महाराष्ट्र में रमेश बैस, मणिपुर में अनुसुइया उइके, मेघालय में फागू चौहान का कार्यकाल अगले दो से तीन महीने के अंदर खत्म हो रहा है.
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