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This Article is From Jul 30, 2016

पंद्रह साल पुराने डीजल वाहन को हटाने का कोई प्रावधान नहीं : सरकार

पंद्रह साल पुराने डीजल वाहन को हटाने का कोई प्रावधान नहीं : सरकार
नई दिल्ली: सरकार ने ग्रीन कोर्ट (एनजीटी) से कहा है कि इस समय ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत 15 साल से पुराने और बीएस 1 या बीएस 2 मानकों का पालन करने वाले डीजल वाहन सड़कों से हटाए जा सके। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने कहा कि 18 और 20 जुलाई को एनजीटी का दिया आदेश मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का ‘उल्लंघन’है। आदेश में दिल्ली सरकार को शहर में चल रहे दस साल से पुराने सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश दिया गया था।

कोई प्रावधान नहीं
मंत्रालय ने एनजीटी में दायर अपने शपथपत्र में कहा ‘इस समय ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जिसके तहत 15 साल से पुराने और बीएस 1 या बीएस 2 मानकों का पालन करने वाले डीजल वाहन सड़कों से हटाए जा सके।’ इसमें कहा गया कि वाहनों को जबरदस्ती हटाए जाने के बाद प्रभावित लोग मुकदमे दायर कर सकते हैं और इस तरह के आदेश का मतलब कानून का पालन करने वाले मोटर वाहन मालिकों को दंडित करना होगा।

आगे कहा गया है कि ‘जिन मोटर वाहनों के पंजीकरण रद्द करने के आदेश दिए गए हैं उनसे मोटर वाहन अधिनियम, 1988 जिसे 2015 में संशोधित किया गया, उसके किसी प्रावधान का या उसके अधीन बनाए गए किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है।’ मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल  पिंकी आनंद दो अगस्त को अधिकरण के सामने मामले में बहस करेंगी।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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