पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मिलने की कोई गारंटी नहीं : हरियाणा चुनाव पर बोले मंत्री

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि "नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद हम पर है, हमारे राज्य में... लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उनके नाम से ही हमें वोट मिलेगा... यह भाजपा कार्यकर्ताओं पर निर्भर करता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वोट डाले जाएं."

पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मिलने की कोई गारंटी नहीं : हरियाणा चुनाव पर बोले मंत्री

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (फाइल फोटो).

चंडीगढ़:

केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) ने पार्टी की आंतरिक बैठक में कहा है कि भाजपा केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नाम पर तीसरी बार हरियाणा (Haryana) जीतने पर निर्भर नहीं रह सकती है. बैठक के एक वीडियो में योजना और कॉर्पोरेट मामलों के कनिष्ठ मंत्री यह कहते हुए दिखाई दिए हैं कि, "नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद हम पर है. हमारे राज्य पर... लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उनके नाम से ही हमें वोट मिलेगा. यह हमारा इरादा होगा कि वे (मतदाता) मोदी के नाम पर मतदान करें. लेकिन यह भाजपा कार्यकर्ताओं पर निर्भर करता है, जो जमीनी स्तर पर हैं, कि वे यह सुनिश्चित करें कि वोट डाले जाएं.''
   
साल 2014 के आम चुनावों में भाजपा की भारी जीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,  "हम सहमत हैं कि (भाजपा) मोदी जी की वजह से केंद्र में सरकार बना सकी है. इसका राज्यों पर व्यापक प्रभाव पड़ा ... यहां तक कि हरियाणा में भी जहां पहली बार पार्टी सरकार बना सकी, और फिर दूसरी बार भी... लेकिन आम तौर पर ऐसा होता है कि किसी और पार्टी को मौका मिलता है."   

उन्होंने कहा कि भाजपा को पहली बार हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 47 और दूसरी बार 40 सीटें मिली थीं. ऐसे मामलों में जीत का अंतर कम होना सामान्य है.

उन्होंने बैठक में भाग लेने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं से कहा, "लेकिन क्या हम उन 45 सीटों पर कब्जा बरकरार रख पाएंगे, इसके बारे में हमें सोचना है."

हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस चुनाव में मनोहर लाल खट्टर सरकार तीसरी बार जनादेश मांगेगी. केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर बल प्रयोग को लेकर पिछले एक साल में सरकार विवादों से घिरी रही है.

विवाद का एक उदाहरण 28 अगस्त को सामने आया था, जब हरियाणा पुलिस ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भाजपा की बैठक के विरोध में करनाल के रास्ते में राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज किया था. इससे करीब 10 लोग घायल हो गए थे. विवाद सितंबर में भी जारी रहे, जब उग्र किसानों ने आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, आईएएस अधिकारी सिन्हा ने पुलिस को किसानों के "सिर तोड़ने" का निर्देश दिया था.

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सीएम खट्टर ने अधिकारी का बचाव किया था. इस पर विपक्षी कांग्रेस ने उन पर "भाजपा समर्थकों को विरोध कर रहे किसानों पर हमला करने के लिए उकसाने" का आरोप लगाया था. खट्टरल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था, जिसमें उन्होंने स्वयंसेवी समूहों से "जैसे को तैसा" करने का आह्वान किया था. तब मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि उनके बयान को "काट-छांट करने के बाद प्रसारित किया गया है."