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This Article is From Dec 28, 2020

"कोई माला नहीं, सिर्फ जूते" : हरियाणा के एक और गांव ने BJP-JJP की बैन की एंट्री

किसान गुरलाल सिंह ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को दोफाड़ करने के लिए एसवाईएल का मुद्दा उठाने किस का षड्यंत्र कर रही है.

"कोई माला नहीं, सिर्फ जूते" : हरियाणा के एक और गांव ने BJP-JJP की बैन की एंट्री
बैनर पर लिखा "बीजेपी-जेजेपी नेताओं का गांव में आना मना है."
चंडीगढ़:

BJP-JJP Entry Ban In Village : हरियाणा के करनाल (Karnal) जिले में इंद्री के गांव कादराबाद में किसान आंदोलन के समर्थन में गांव के लोगों ने भाजपा और जेजेपी के नेताओं का गांव में प्रवेश पर बैन लगा दिया है. गांव के लोगों ने पंचायत कर गांव के बाहर बैनर लगा दिया है, जिसपर जेजेपी और बीजेपी के लोगों के गांव में आने पर उनकी छितर (जूतों) परेड कराने की चेतावनी दी है.

गांव कादराबाद ग्रामीणों ने गांव के बाहर "जो किसानों की बात करेगा, वही गांव में बढ़ेगा.." का बैनर टांग दिया हैं. किसानों ने कहा की किसानों के हितों की बात की आड़ में जो 3 कृषि कानून लागू किए हैं, वह किसान हितैषी नहीं है, उन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

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किसान गुरलाल सिंह ने कहा कि सत्ता में बैठे हुए नेता किसानों पर जबरदस्ती इन कानूनों को थोंपकर किसानों को बर्बादी के कगार पर खड़ा करना चाह रहे हैं. इतना ही नहीं इन कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को कहीं आतंकवादी बताया जा रहा है तो कहीं उनको उग्रवादी और खालिस्तानी बताया जा रहा है. ऐसा करके किसानों का अपमान किया जा रहा है और हरियाणा की सरकार आंदोलनकारी किसानों में फूट डालने की साजिश रच रही है. 

किसान गुरलाल सिंह ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को दोफाड़ करने के लिए एसवाईएल का मुद्दा उठाने किस का षड्यंत्र कर रही है.

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वहीं किसान कुलदीप का कहना है कि किसान सरकार के किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे. किसानों ने कहा कि सरकार की इन नीतियों के विरोध में जेजेपी और भाजपा के नेताओं का बहिष्कार किया है.

उन्होंने इंद्री हलके के अन्य गांव के किसानों से भी अपील की है कि वह अपने गांव में इन दोनों दलों के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दें, ताकि किसानों का अपमान करने वालों का कोई भी अपने यहां बैठने के लिए स्थाना दें.

किसानों ने फिर से चेतावनी दी कि मोदी सरकार किसानों को मूर्ख ना समझे, यदि सरकार इस गलतफहमी में या गफलत में रहेगी तो फिर आने वाले दिनों में सत्तासीन पार्टी के लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

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