दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड (Bollowood) के दिग्गज फिल्म निर्माताओं (Bollywood FilmMakers) की याचिका पर सुनवाई करते हुए टीवी चैनलों (TV Channels) को नोटिस जारी किया है. अदालत ने टीवी चैनलों रिपब्लिक और टाइम्स नाउ को निर्देश दिया है कि पूरे बॉलीवुड को आरोपों के कठघरे में खड़े करने वाले गैर जिम्मेदाराना, अपमानजनक या मानहानि करने वाले किसी भी कंटेंट से दूर रहें. बॉलीवुड सेलेब्रिटी के खिलाफ भी किसी भी तरह का मीडिया ट्रायल न करें. बॉलीवुड के 34 निर्माताओं ने कोर्ट में अर्जी दी थी, इसमें कई यूनियन और प्रोडक्शन हाउस भी शामिल हैं.
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फिल्म निर्माताओं ने एक माह पहले दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर करके कहा था कि कुछ मीडिया घराने गैर जिम्मेदाराना तरीके से रिपोर्टिंग कर रहे हैं. कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन चैनलों पर या सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का मानहानि करने वाला कंटेंट न प्रसारित किया जाए. याचिकाकर्ताओं के वकील राजीव नैयर ने कहा, हम चाहते हैं कि यूट्यूब ,सोशल मीडिया और ट्विटर से बॉलीवुड के बारे में अपमानजनक सामग्री तुरंत हटाई जाए. चैनलों में जो चलता है इससे जनता में एक धारणा (पब्लिक परसेप्शन) बनता है.
निष्पक्ष तरीके से रिपोर्टिंग की जानी चाहिए
जज ने कहा कि रिपोर्टिंग करना मीडिया का संवैधानिक अधिकार है,लेकिन निष्पक्ष तरीके से रिपोर्टिंग होनी चाहिए. उन्होंने दूरदर्शन का ज़िक्र किया. लेकिन पूरी दुनिया में फेयर रिपोर्टिंग नहीं हो रही. जज ने टाइम्स नाउ के वकील की खिंचाई करते हुए कहा कि टोन डाउन करने की जरूरत है. आप जांच कर सकते हैं,लेकिन जिम्मेदारी के साथ. जज ने दिल्ली के एक टीचर का उदाहरण दिया कहा, जिसमें मीडिया में कहा गया वो बच्चों का शोषण करती हैं, उसे अपमानित करने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में मामला फ़र्ज़ी निकला
न्यूज कम ओपिनियन ज्यादा दी जा रही
जज ने टाइम्स नाउ (Times Now) के वकील से कहा कि चीजों पर पहले से ही धारणा बनाई जा रही है. न्यूज़ कम होती है और ओपनियन ज्यादा. इंग्लैंड में चार्जेशीट होने के बाद भी आरोपी को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट कहा जाता है, लेकिन भारत में केस दर्ज होने से पहले ही नामों की घोषणा कर दी जाती है. स्क्रीन पर आग की लपटें दिखाई जा रही हैं, व्हाट्सएप चैट दिखाए जा रहे हैं. अदालत समझ नहीं पा रही है कि हो ये क्या रहा है.
सेल्फ रेगुलेशन की बात करते हैं पर करते कुछ नहीं
जज ने कड़े लफ्जों में चैनलों से कहा, आप बार-बार सेल्फ रेगुलेशन की बात करते हैं,लेकिन करते कुछ नहीं. कोई नही चाहता कि उसकी प्राइवेट लाइफ को पब्लिक में घसीटा जाए. कोर्ट ने 2 हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा तो रिपब्लिक टीवी की वकील ने कहा कि हमें 4 हफ्ते दिए जाएं.
मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को
जज ने टाइम्स नाउ के वकील से कहा आप जाइये और अपने क्लाइंट के साथ गंभीरता से विचार करिए. उन वीडियो के बारे जो आपने यूट्यूब में डाले हैं, फिर मेरे पास आइए. प्रोग्राम कोड फॉलो करिए. मामले की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी. कोर्ट ने टाइम्स नाउ समेत सभी चैनलों से कहा की कोई आगे कोई अपमानजनक वीडियो और मेटेरियल चैनल पर या सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर न चलाएं.
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