बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020 ) प्रचार के दूसरे दौर में पहुंचने के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashvi Yadav) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की बेरोजगारी, शिक्षा-स्वास्थ्य और उद्योग के मुद्दे पर घेरेबंदी तेज कर दी है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्रऔर उद्योग-धंधों को चौपट कर दिया है.
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तेजस्वी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बेरोजगारी, पलायन जैसे मुद्दों पर बोलने की चुनौती दी. तेजस्वी ने हिन्दी में ट्वीट कर कहा, "सम्मानीय नीतीशजी ने स्वीकार कर लिया है कि पिछले 15 साल के शासन में उन्होंने राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग जगत को चौपट कर दिया है. उन्होंने मौजूदा और भविष्य की दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है. यही वजह है कि वह बेरोजगारी, उद्योगों में नौकरी, निवेश और पलायन जैसे मुद्दों पर नहीं बोलते हैं. क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?"
आदरणीय नीतीश जी मानते है कि उन्होंने बिहार में 15 वर्ष के शासनकाल में शिक्षा,स्वास्थ्य,उद्योग चौपट करने के साथ-2 दो पीढ़ियों का वर्तमान और भविष्य बर्बाद किया है इसलिए वो बेरोजगारी, नौकरी, कारख़ाने,निवेश और पलायन पर कभी कुछ नहीं बोलते।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 30, 2020
क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?
तेजस्वी ने इससे पहले 27 अक्टूबर को एक रैली में कहा था कि उनके परिवार पर हमला कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं. वह केवल उन पर निजी टिप्पणी कर रहे हैं, लेकिन महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर कुछ नहीं बोल रहे हैं.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने उनके परिवार पर हमला कर महिलाओं और उनकी मां की भावनाओं को चोट पहुंचाई है. मगर उन्होंने वास्तविक जमीनी मुद्दों से मुंह मोड़ लिया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नौ बच्चों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी को लेकर तेजस्वी ने यह पलटवार किया था. जो कुछ भी नीतीश कुमार इस दौरान कह रहे हैं, वह हमारे लिए आशीर्वाद की तरह है, वह परोक्ष रूप से पीएम मोदी को निशाना बना रहे हैं, जिनके खुद छह भाई-बहन हैं.
तेजस्वी ने दोहराया कि वह केवल महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगे. बिहार में फैक्ट्रियां और फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगवाएंगे. बिहार की जनता ने राज्य से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर राजद को वोट देने का फैसला कर लिया है. बिहार विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में 55.69 फीसदी मतदान हुआ है. जो 2015 के चुनाव के मुकाबले बेहतर है. कोविड-19 के इस पाबंदी वाले समय में भी मतदाताओं ने अपना उत्साह दिखाया है.
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