ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लेकर जनता दल युनाइटेड में ही मतभेद हैं. बुधवार को ही पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा था कि अगर संख्या बल के आधार पर केंद्र सरकार में भागीदारी मिलती है और NDA के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा प्रयास किया जाता है तो वह इसका स्वागत करेगी. केसी त्यागी के इस बयान का सीधा अर्थ यह लगाया जा रहा था कि जनता दल यूनाइटेड केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने के अपने स्टैंड पर अडिग नहीं है. वह मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहती है, लेकिन सांकेतिक प्रतिनिधियों के आधार पर नहीं, बल्कि अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के पुराने आनुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग के आधार पर. लेकिन अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा है केसी त्यागी के बयान के उलट रहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है यानी जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल में होने की कोई इच्छा नहीं है.
लेकिन नीतीश कुमार के इस ताजा बयान से पहले पार्टी के नेताओं का कहना था कि शीर्ष नेतृत्व का आकलन है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने में जो गतिरोध चल रहा है उसका जब भी समाधान होगा तब शायद BJP की तरफ़ से सेना को यह प्रस्ताव दिया जाए कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में वह अपना प्रतिनिधित्व बढ़ा ले और तब जनता दल यूनाइटेड पीछे नहीं रहना चाहती है.
गौरतलब है कि केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बनने पर जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ था तो जेडीयू को इच्छा के अनुसार उसको जगह नहीं दी गई. इसके बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच तनतनी की खबरें भी आई थीं और जब कुछ दिन बाद नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो उन्होंने भी बीजेपी को खास तवज्जो नहीं दी. हालांकि ऊपर ही ऊपर दोनों पार्टी के शीर्ष नेता मतभेदों की खबरों को नकारते रहे हैं.
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