यह ख़बर 12 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बीजेपी से नाता तोड़ने को नीतीश तैयार? शरद ने कहा, जल्द होगा फैसला

खास बातें

  • मोदी को लेकर जेडीयू और बीजेपी नेताओं में एक तरह से तलवारें खिंच गई हैं। जहां जेडीयू के कई नेता कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी उन्हें कबूल नहीं हैं, वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि नीतीश साथ रहें या जाएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
पटना:

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूट की कगार पर पहुंच गया है।

मोदी को लेकर जेडीयू और बीजेपी नेताओं में एक तरह से तलवारें खिंच गई हैं। जहां जेडीयू के कई नेता कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी उन्हें कबूल नहीं हैं, वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि नीतीश साथ रहें या जाएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी बदले हालात पर चर्चा के बाद जल्द ही फैसला लेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि एनडीए अभी टूटा नहीं है।

वहीं, जेडीयू के नेता नरेंद्र सिंह ने कहा है कि उन्हें दागदार नेता मंजूर नहीं है। सिंह ने यह भी कहा कि गठबंधन में रहना अब मुश्किल है और दो से तीन दिन के भीतर इस पर फैसला ले लिया जाएगा।

जेडीयू के सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और प्रदेश के अन्य नेताओं के साथ मंगलवार देर रात्रि तक विचार-विमर्श किया। जेडीयू की उक्त बैठक में शामिल हुए राज्य सरकार के एक मंत्री ने अपने नाम का खुलासा नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि बीजेपी के साथ उनके दल का संबंध अब चंद दिनों का रह गया है।

सूत्रों ने बताया कि जेडीयू के जिन नेताओं के साथ नीतीश ने इस संबंध में विचार-विमर्श किया है, उसमें उनके मंत्रिमंडल सहयोगी बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, नरेंद्र सिंह, बृषिण पटेल, श्याम रजक और राज्यसभा सांसद और मुख्यमंत्री के विश्वस्त आरसीपी सिंह के नाम शामिल हैं।

यह भी बताया गया कि बीजेपी के सत्ता से बाहर होने पर सरकार चलाने के लिए बहुमत के लिए निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधा गया है।

उल्लेखनीय है कि 243-सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान में जेडीयू के 118 विधायक हैं और बहुमत सिद्ध करने के लिए 122 के आंकड़े की जरूरत पड़ेगी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के चार विधायकों का समर्थन लिया जा सकता है, जबकि निर्दलीय विधायकों की कुल संख्या छह है। वहीं बिहार विधानसभा में बीजेपी के 91, आरजेडी के 22, कांग्रेस के चार तथा लोजपा और सीपीआई के एक-एक विधायक हैं।

दूसरी तरफ बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि वह बिहार में अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जेडीयू के नेता कह रहे हैं कि अब बीजेपी के साथ रहना मुश्किल है, तो वह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। बिहार में बीजेपी के सबसे ताकतवर नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी कहा है कि पार्टी बिहार में हर परिस्थिति में चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा का चुनाव पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी और अभूतपूर्व सफलता हासिल करके केंद्र में सरकार बनाएगी।

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(इनपुट भाषा से भी)