देश के आर्थिक हालात को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश के आर्थिक हालात के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही, साथ ही कई घोषणाएं भी की. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की अर्थव्यवस्था से बेहतर है. भारत में मंदी जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. वैश्विक मांग कमजोर रहेगी. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध तथा मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है. आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडा में सबसे ऊपर है, सुधारों की प्रक्रिया जारी है, इसकी रफ्तार थमी नहीं है. उन्होंने कहा कि कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें. छोटे एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के अब तक के सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन के भीतर कर दिया जाएगा. भविष्य के रिफंड मामलों को 60 दिन के भीतर निपटा दिया जाएगा. वहीं, बैंकों ने रेपो दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है. रेपो दर या बाहरी मानक आधारित कर्ज उत्पाद पेश किए. बैंक घर और वाहन के लिए कर्ज सस्ता करेंगे. जबकि 2020 तक खरीदे गए भारत मानक- चार के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे. पढ़ें- वित्त मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें.
वित्त मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
- वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala Sitharaman) घर, वाहन खरीदने पर और ज्यादा क्रेडिट सपोर्ट मिलेगा. MSME के सभी पेंडिंग जीएसटी रिफंड को 30 दिन के अंदर वापस दिया जाएगा. वहीं, भविष्य के लिए जीएसटी रिफंड से जुड़े मामले सामने आने के बाद 60 दिन के अंदर इसका समाधान होगा.
- वित्त मंत्री ने कहा कि आधार बेस्ड KYC के जरिए डीमैट और म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए अकाउंट खोलने की इजाजत होगी. वहीं, अब MSME की केवल एक परिभाषा होगी, इसके जरिए कंपनियां अपने काम आसानी से कर सकती हैं. MSME ऐक्ट को जल्द ही कैबिनेट के सामने ले जाया जाएगा.
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोन क्लोज होने के बाद सिक्यॉरिटी रिलेटेड डॉक्यूमेंट बैंकों को 15 दिन के भीतर देना होगा. लोन आवेदन की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी. वहीं, अब लोन खत्म होने के 15 दिन के अंदर कागजात देने होंगे.
- निर्मला सीतारमण ने कहा कि लॉन्ग, शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन सरचार्ज वापस लिया जाएगा. सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनस और ईज ऑफ लिविंग पर फोकस कर रही है. अब विजयादशमी से केंद्रीय सिस्टम से नोटिस भेजे जाएंगे. टैक्स के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा. टैक्स उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगेगी.
- वित्त मंत्री ने कहा कि सराकारी बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे. सरकार पर टैक्स को लेकर लोगों को परेशान करने वाले आरोप झूठे हैं. हम जीएसटी की प्रक्रिया को और सरल बनाने जा रहे हैं टैक्स से जुड़े कानूनों में भी सुधार होगा.
- इसी तरह हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को भी 30 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि टैक्स और लेबर कानूनों में लगातार सुधार हो रहा है. आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. इनकम टैक्स रिटर्न भरना पहले से काफी आसान हुआ है. आगे GST को और आसान बनाया जाएगा.
- उन्होंने कहा कि मार्च 2020 तक खरीदे गए भारत मानक- चार के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे.सरकार पुराने वाहनों के लिये कबाड़ नीति लाएगी. वित्त मंत्री ने सरकारी गाड़ियों की खरीद पर लगी रोक को भी हटाने की घोषणा की.
- वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि एफपीआई, घरेलू निवेशकों से ‘सुपर रिच' कर वापस लेने से सरकार को 1,400 करोड़ रुपये भी देगी. वर्ष 2019-20 के बजट में ऊंची कमाई करने वालों पर ऊंची दर से कर अधिभार लगा दिया गया.
- सीतारमण ने कहा कि इक्विटी शेयरों के हस्तांतरण से होने वाले दीर्घावधि और लघु अवधि के पूंजीगत लाभ पर अधिभार को वापस ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि बजट से पहले की स्थिति को फिर कायम कर दिया गया है।.
- सीतारमण ने कहा कि स्टार्टअप्स और उनके निवेशकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए उनके लिए एंजल कर के प्रावधान को भी वापस लेने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य के तहत स्टार्टअप्स की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा.