नीरव मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
13,000 करोड़ रुपये से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का आरोपी नीरव मोदी ब्रिटेन में है और वह राजनीतिक शरण लेना चाहता है. भारतीय और बिट्रिश अधिकारियों के हवाले से यह दावा फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) अखबार ने किया है. जब रॉयटर्स ने एफटी की खबर पर ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने बताया कि वह व्यक्तिगत मामलों पर जानकारी प्रदान नहीं करता है. आपको बता दें कि पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव फरवरी से लापता है.
माल्या के प्रत्यर्पण में कोई कसर नहीं छोड़ी : विदेश मंत्रालय
रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव मोदी लंदन में है उसने 'राजनीतिक उत्पीड़न' का दावा किया है. विदेश मंत्रालय ने एफटी को बताया कि भारत सरकार की एजेंसियों ने प्रत्यर्पण के लिए अभी तक उनसे उनसे संपर्क नहीं किया है. मंत्रालय ने रॉयटर्स के कई सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया. भारत सरकार पहले से ही भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या को प्रत्यर्पित किए जाने की मांगी कर रही है. पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी, जिसका मकसद माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को प्रथम दृष्टया स्थापित करना है. माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर जाने के बाद ब्रिटेन में रहा है. माल्या की बचाव टीम ने दावा किया था कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं है और भारत में उन पर निष्पक्ष तरीके से मुकदमा चलाने की संभावना नहीं है.
PNB घोटाला : इस तरीके से नीरव मोदी की संपत्तियों को जब्त करना चाहता है ED
गौरतलब है कि मई में एजेंसी ने नीरव मोदी और 23 अन्य के खिलाफ अदालत में 12000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था. इनमें नीरव के पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशल मोदी और एक अन्य रिश्तेदार निहाल मोदी भी शामिल हैं. ईडी ने पीएनबी घोटाला मामले में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पीएमएलए के तहत आरोप लगाया. नीरव मोदी अपने खिलाफ मामले दर्ज किये जाने से पहले ही देश से बाहर भाग गया था.
VIDEO: ब्रिटेन में शरण लेगा नीरव मोदी?
माल्या के प्रत्यर्पण में कोई कसर नहीं छोड़ी : विदेश मंत्रालय
रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव मोदी लंदन में है उसने 'राजनीतिक उत्पीड़न' का दावा किया है. विदेश मंत्रालय ने एफटी को बताया कि भारत सरकार की एजेंसियों ने प्रत्यर्पण के लिए अभी तक उनसे उनसे संपर्क नहीं किया है. मंत्रालय ने रॉयटर्स के कई सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया. भारत सरकार पहले से ही भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या को प्रत्यर्पित किए जाने की मांगी कर रही है. पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी, जिसका मकसद माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को प्रथम दृष्टया स्थापित करना है. माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर जाने के बाद ब्रिटेन में रहा है. माल्या की बचाव टीम ने दावा किया था कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं है और भारत में उन पर निष्पक्ष तरीके से मुकदमा चलाने की संभावना नहीं है.
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गौरतलब है कि मई में एजेंसी ने नीरव मोदी और 23 अन्य के खिलाफ अदालत में 12000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था. इनमें नीरव के पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशल मोदी और एक अन्य रिश्तेदार निहाल मोदी भी शामिल हैं. ईडी ने पीएनबी घोटाला मामले में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पीएमएलए के तहत आरोप लगाया. नीरव मोदी अपने खिलाफ मामले दर्ज किये जाने से पहले ही देश से बाहर भाग गया था.
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