पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ने या अलग पार्टी बनाने की अटकलों को ख़ारिज कर दिया है। एनडीटीवी इंडिया से ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा कि वह प्रताप सिंह बाजवा को प्रदेश की कमान देने के शुरू से ही खिलाफ थे। लेकिन अब यह साफ़ हो गया है की पार्टी उनके नेतृत्व में चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए मैंने हाई कमांड से उन्हें हटाने की मांग की है।
पार्टी छोड़ने के मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर ने साफ़ किया, 'मैं कहीं नहीं जा रहा, मुझे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी में पूरा भरोसा है, मई 16 साल तक पंजाब कांग्रेस पार्टी का प्रमुख रहा हूं'।
उन्होंने कहा की यह शायद पहली बार हो रहा की सत्ताधारी पार्टी के साथ साथ विपक्षी दाल का भी ग्राफ नीचे आ रहा है, मुझे उम्मीद है की केंद्रीय नेतृत्व इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही कोई फैसला होगा।
यह पूछे जाने पर की क्या उन्हें कोई और नेता बतौर प्रदेश अध्यक्ष कबूल होगा, कैप्टन अमरिंदर ने कहा की प्रदेश में कई नेता कमान संभालने का माद्दा रखते हैं, अगर मुझसे पुछा गया तो मैं नाम भी सुझाउंगा।
रविवार को पटियाला स्थित अपने महल में समर्थकों को लंच पर बुलाने को लेकर उठे विवाद पर कैप्टन बोले, 'मैंने उन लोगों को बुलाया था, जिन्हें मैं अपना दोस्त मानता हूं, 35 विधायक आए थे, रविवार नहीं होता तो 40 आते, इसके अलावा 60 पूर्व विधायक और सांसद भी मौजूद थे। वह लोग सिर्फ अमरिंदर के समर्थक नहीं हैं। वह सभी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं और सभी ने एक सुर में मेरे रुख का समर्थन किया।'
उन्होंने कहा, 'हमने बीजेपी का दोहरा चेहरा जनता के सामने रखने का फैसला किया है, अमृतसर में 22 जनवरी को ड्रग्स के खिलाफ रैली इसी मक़सद से रखी गई है। एक तरफ तो अमित शाह ड्रग्स पर रैली करते हैं और दूसरी तरफ अकालियों के साथ सरकार चला रहे हैं। वह अगर वाकई फ़िक्रमंद हैं तो सरकार से फ़ौरन बाहर हो जाएं।'
अकाली दाल और बीजेपी के बीच बढ़ते फासले पर कैप्टन अमरिंदर ने कहा, 'दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर पंजाबियों के रिश्तेदार यहां रहते हैं। हम दिल्ली के चुनाव में उन्हें बीजेपी और अकाली दाल की हक़ीक़त बताएंगे।'
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