नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (National Institute of Disaster Management या NIDM) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यह बात पुख्ता तौर पर नहीं कही जा सकती कि कोरोनावायरस की तीसरी लहर (Coronavirus third wave) वयस्कों के मुकाबले बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट ने इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और लेंसेंट कोविड-19 कमीशंस रीजनल टास्क फोर्स का हवाला देते हुए यह बात कही है. हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा है, 'चिंता के पर्याप्त कारण हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत में बच्चों का अभी टीकाकरण नहीं हुआ है और उनके लिए मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाएं बड़े स्तर पर इलाज के लिहाज से पर्याप्त नहीं हैं.'
बच्चों के टीकाकरण के मसले के हल की दिशा में हाल ही में कदम बढ़ाया गया है. नेशनल ड्रग रेगुलेटर (राष्ट्रीय दवा नियामक) ने पिछले सप्ताह दुनिया की पहली RNA वैक्सीन Zycov-D को भारत में मंजूरी दी है. Zydus Cadila द्वारा निर्मित Zycov-D वैक्सीन को DCGI ने शुक्रवार को मंजूरी दी है. वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं. इस वैक्सीन पर अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे. दवा निर्माता ने जुलाई में कहा था कि उसका COVID-19 वैक्सीन नए कोरोनावायरस म्यूटेंट, विशेष रूप से डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है, और यह शॉट पारंपरिक सीरिंज के विपरीत सुई-मुक्त ऐप्लिकेटर का उपयोग करके प्रशासित किया जाता है.बच्चों के लिए दूसरी वैक्सीन, भारत बायोटैक की Covaxin को सितंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
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बच्चों की चिकित्सा के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के मसले पर भी एनआईडीएम ने विचार व्यक्त किए है. NIDM की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने सभी अस्पतालों को उपलब्ध बेड के 20 फीसदी बच्चों के लिए आवंटित करने निर्देश दिया है. कई राज्यों ने तैयारी के तौर पर बाल चिकित्सा सुविधाओं के बेहतर बनाने के लिए प्रयास शुरू किर हैं और तैयारी के तौपर पर दवाओं और ऑक्सीजन का भंडारण शुरू दिया है. रिपोर्ट में बच्चों की 'सुरक्षा' के लिए कई उपाय भी सुझाए गए हैं जिसमें जागरूकता अभियान शामिल है ताकि वे कोविड प्रोटोकॉल से वाकिफ हो सकें. ग्रामीण क्षेत्रों और सुविधाओं से वंचित समुदाय के लोगों के बच्चों की सुरक्षा पर खास ध्यान देने की बात कही गई है.
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश को ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ा था. भारत में कोविड-19 के नए केसों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 25,072 नए केस सामने आए जो कि पिछले 160 दिनों में सबसे कम हैं. रिकवरी रेट बढ़कर 97.63% हो गई है. जो कि मार्च 2020 के बाद सबसे ज्यादा होगा. पिछले 24 घंटे में 44,157 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं. अब तक कुल 3,16,80,626 लोग ठीक है. डेली पोजिटिविटी रेट 1.94% पर है जो कि 28 दिन से लगातार 3% से नीचे है. वीकली पोजिटिविटी रेट 1.91% है जो कि पिछले 59 दिनों से 3% से नीचे है. केसों की संख्या में कमी के बावजूद सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय कोई भी ढील बरतने के मूड में नहीं है.
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