पठानकोट स्थित वायसेना के अड्डे की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
पठानकोट में भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर हमले के सिलसिले में एक पाकिस्तानी जांच दल की यात्रा से पहले एनआईए ने अभियान में मारे गए चार आतंकवादियों की तस्वीर जारी की है। यह अभियान दो जनवरी को शुरू हुआ था और 80 घंटे से अधिक समय तक चला था।
तस्वीर जारी करने का कदम पाकिस्तान के विशेष जांच दल (एसआईटी) के मामले के तथ्यों और एनआईए द्वारा की गई जांच के बारे में पता लगाने के लिए यहां आने से कुछ दिन पहले उठाया गया है।
एनआईए की विज्ञप्ति में चार मारे गए आतंकवादियों का हुलिया दिया गया है। साथ ही उनकी उंचाई का भी ब्योरा दिया गया है। आतंकवाद निरोधक एजेंसी ने कहा है कि आतंकवादियों में से एक के दोनों पांव में अंगूठा नहीं था।
एनआईए ने तस्वीर जारी करते हुए जनता से उस बारे में सूचना साझा करने को कहा है। एनआईए ने कहा, 'जो भी प्रासंगिक और सही सूचना देगा उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।'
एजेंसी ने पहले ही चार आतंकवादियों के खिलाफ ब्लैक नोटिस जारी करवाने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है। अंतरराष्ट्रीय नोटिस देश में मिले अज्ञात शव की पहचान के लिए जारी किए जाते हैं।
इस आतंकी हमले में शामिल बाकी के दो आतंकियों के बारे में एनआईए पठानकोट हवाई ठिकाने में एयरमेन बिलेट से बरामद नमूनों की नए सिरे से जांच के लिए एक अन्य फॉरेंसिक प्रयोगशाला से संपर्क करने की योजना बना रही है। चंडीगढ़ में फॉरेंसिक प्रयोगशाला ने कहा था कि उन्हें एनआईए द्वारा सौंपे गए नमूनों में मानव अवशेष नहीं मिले हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शेष दो की पहचान का पता लगने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने संकेत दिया कि पाकिस्तानी एसआईटी के भारत के लिए रवाना होने से पहले उसे पूरा नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी 27 मार्च को यहां पहुंचेगी और अब तक की गई जांच के बारे में एनआईए से सलाह-मशविरा करेगी। भारत ने पहले ही पाकिस्तान को अनुरोध पत्र भेजा है और चारों के बारे में कुछ विवरण मांगा है।
भारत एक और दो जनवरी की दरम्यानी रात को हवाई ठिकाने पर हमले से पहले चार आतंकवादियों ने जिन नंबरों पर फोन किया था, उसका विवरण मांग रहा है। ऐसा समझा जाता है कि यह नंबर जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह से जुड़े लोगों के नाम पर है। इसमें मुल्ला दाउद और कासिफ जान भी शामिल है। साझा किए गए नंबर पाकिस्तानी टेलीकॉम ऑपरेटर मोबिलिंक, वारिद और टेलीनॉर के हैं।
एनआईए ने खयाम बाबर के बेटों का भी ब्योरा मांगा है, जो आत्मघाती दस्ते का हिस्सा था, जिसने हमला किया। सूत्रों ने बताया कि हमलावरों के महत्वपूर्ण हैंडलरों में से एक कासिफ जान आतंकवादियों के साथ सीमा तक आया था।
चारों आतंकवादियों के शवों को सुरक्षित रखा गया है। चार में से दो आतंकवादियों की पहचान नासिर और सलीम के तौर पर की गई है। नासिर वह आतंकवादी था, जिसने अपनी मां को फोन किया था, जबकि बहावलपुर के रहने वाले बाबर ने पंजाब के पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के जौहरी मित्र से फोन छीना था।
(नोट - तस्वीरें विभत्स होने के कारण हमने यहां प्रकाशित नहीं की हैं, देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
तस्वीर जारी करने का कदम पाकिस्तान के विशेष जांच दल (एसआईटी) के मामले के तथ्यों और एनआईए द्वारा की गई जांच के बारे में पता लगाने के लिए यहां आने से कुछ दिन पहले उठाया गया है।
एनआईए की विज्ञप्ति में चार मारे गए आतंकवादियों का हुलिया दिया गया है। साथ ही उनकी उंचाई का भी ब्योरा दिया गया है। आतंकवाद निरोधक एजेंसी ने कहा है कि आतंकवादियों में से एक के दोनों पांव में अंगूठा नहीं था।
एनआईए ने तस्वीर जारी करते हुए जनता से उस बारे में सूचना साझा करने को कहा है। एनआईए ने कहा, 'जो भी प्रासंगिक और सही सूचना देगा उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।'
एजेंसी ने पहले ही चार आतंकवादियों के खिलाफ ब्लैक नोटिस जारी करवाने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है। अंतरराष्ट्रीय नोटिस देश में मिले अज्ञात शव की पहचान के लिए जारी किए जाते हैं।
इस आतंकी हमले में शामिल बाकी के दो आतंकियों के बारे में एनआईए पठानकोट हवाई ठिकाने में एयरमेन बिलेट से बरामद नमूनों की नए सिरे से जांच के लिए एक अन्य फॉरेंसिक प्रयोगशाला से संपर्क करने की योजना बना रही है। चंडीगढ़ में फॉरेंसिक प्रयोगशाला ने कहा था कि उन्हें एनआईए द्वारा सौंपे गए नमूनों में मानव अवशेष नहीं मिले हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शेष दो की पहचान का पता लगने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने संकेत दिया कि पाकिस्तानी एसआईटी के भारत के लिए रवाना होने से पहले उसे पूरा नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी 27 मार्च को यहां पहुंचेगी और अब तक की गई जांच के बारे में एनआईए से सलाह-मशविरा करेगी। भारत ने पहले ही पाकिस्तान को अनुरोध पत्र भेजा है और चारों के बारे में कुछ विवरण मांगा है।
भारत एक और दो जनवरी की दरम्यानी रात को हवाई ठिकाने पर हमले से पहले चार आतंकवादियों ने जिन नंबरों पर फोन किया था, उसका विवरण मांग रहा है। ऐसा समझा जाता है कि यह नंबर जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह से जुड़े लोगों के नाम पर है। इसमें मुल्ला दाउद और कासिफ जान भी शामिल है। साझा किए गए नंबर पाकिस्तानी टेलीकॉम ऑपरेटर मोबिलिंक, वारिद और टेलीनॉर के हैं।
एनआईए ने खयाम बाबर के बेटों का भी ब्योरा मांगा है, जो आत्मघाती दस्ते का हिस्सा था, जिसने हमला किया। सूत्रों ने बताया कि हमलावरों के महत्वपूर्ण हैंडलरों में से एक कासिफ जान आतंकवादियों के साथ सीमा तक आया था।
चारों आतंकवादियों के शवों को सुरक्षित रखा गया है। चार में से दो आतंकवादियों की पहचान नासिर और सलीम के तौर पर की गई है। नासिर वह आतंकवादी था, जिसने अपनी मां को फोन किया था, जबकि बहावलपुर के रहने वाले बाबर ने पंजाब के पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के जौहरी मित्र से फोन छीना था।
(नोट - तस्वीरें विभत्स होने के कारण हमने यहां प्रकाशित नहीं की हैं, देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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