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This Article is From Jan 01, 2019

अमरोहा फिर पहुंची एनआईए और एटीएस की टीम, सैदपुरा गांव में छापेमारी

इससे पहले रविवार को भी अमरोहा और दिल्ली के जाफ़राबाद और सीलमपुर इलाके में छापेमारी की गई थी और पांच लोगों को हिरासत में लिया था.

एनआईए की टीम सैदपुरा गांव में छापेमारी के लिए पहुंची है

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और यूपी ATS  की बड़ी टीम यूपी के अमरोहा के सैदपुरा गांव में छापेमारी कर रही है. ISIS के नए मॉड्यूल मामले में हाल में ही दो भाइयों को यहां से गिरफ़्तार किया गया था, जो फ़िलहाल एनआईए की हिरासत में हैं. इससे पहले रविवार को भी अमरोहा और दिल्ली के जाफ़राबाद और सीलमपुर इलाके में छापेमारी की गई थी और पांच लोगों को हिरासत में लिया था. ख़बरों के मुताबिक इनके पास से हथियार और आईएसआईएस के पोस्टर बरामद हुए थे. पिछले हफ़्ते ही एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने अमरोहा और दिल्ली में ही छापेमारी कर नए मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. इस दौरान 10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.  जिनके पास से भारी मात्रा में खतरनाक हथियार और विस्फोटक सामग्री मिलने की बात सुरक्षा एजेंसियों ने की थी.

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बताया गया था कि इनके पास से रॉकेट लॉन्चर सहित कई खतरनाक हथियार और आईएसआईएस के पोस्टर बरामद हुए थे. एनआईए ने आरोप लगाया है कि समूह में 20-35 आयु वर्ग के युवा शामिल हैं और वे मध्यम आय वर्ग के परिवारों के हैं तथा अमरोहा के एक मुफ्ती ने उन्हें कट्टरपंथ की ओर उकसाया है जो कथित तौर पर मास्टरमाइंड और 'हरकत-उल-हरब-ए-इस्लाम' का संस्थापक है. 'हरकत-उल-हरब-ए-इस्लाम' का अनुवाद 'इस्लाम के लिए युद्ध' होता है.  एनआईए द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में जानकारी इस प्रकार है: 

 

 

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1. मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत (29): समूह का कथित संस्थापक है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का मूल निवासी है जहां वह हकीम महताबउद्दीन हाशमी रोड स्थित एक मदरसे में मुफ्ती का काम करता है. अभी वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में रह रहा है. मुफ्ती ने तीन-चार महीने पहले समूह की कथित तौर पर स्थापना की और आईएसआईएस से जुड़े ऑन-लाइन संसाधनों का उपयोग करके अपने सदस्यों को उकसाया. एजेंसी द्वारा एक वीडियो जब्त किया गया है जिसमें सुहैल को यह कहते सुना जा सकता है कि सर्किट का उपयोग कर कैसे बम तैयार किया जा सकता है. आरोप है कि सुहैल ने टीम के अन्य सदस्यों को हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान खरीदने का जिम्मा सौंपा था ताकि रिमोट से नियंत्रित बम और पाइप-बम तैयार किया जा सके. 

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2. अनस यूनुस (24) : वह जाफराबाद का रहने वाला है और नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग का छात्र है. उसने आतंकी साजिश के तहत बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे बिजली के उपकरण, अलार्म घड़ियां, बैटरी आदि की खरीद की.

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3. राशिद ज़फ़र रक़ा उर्फ ज़फ़र (23): वह भी जाफ़राबाद का रहने वाला है. वह कपड़ों का कारोबार करता है तथा समूह का हिस्सा था.

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4. सईद (28): वह अमरोहा के सैदापुर इम्मा का निवासी है और अमरोहा में वेल्डिंग की दुकान चलाता है जहां कुछ पिस्तौल और रॉकेट लॉन्चर तैयार किए गए थे.

5. सईद का भाई रईस अहमद: वह सैदापुर इम्मा, अमरोहा का रहने वाला है. अमरोहा के ईदगाह के पास इस्लाम नगर में उसकी वेल्डिंग दुकान है. दोनों भाइयों ने कथित रूप से आईईडी और पाइप बम तैयार करने के लिए 25 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री आदि खरीदी थी. उसने आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए एक रॉकेट लॉन्चर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.    

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6. जुबैर मलिक (20): जाफराबाद निवासी है और दिल्ली के एक विश्वविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष का छात्र है.

7. जुबैर का भाई ज़ैद (22): जाफराबाद का ही रहने वाला है और दोनों भाई आतंकवादी साजिश का हिस्सा थे. दोनों ने फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड (135 बरामद), बैटरी, कनेक्टर और बम बनाने की सामग्री खरीदी. दोनों ने पैसे की व्यवस्था करने के लिए परिवार का सोना कथित तौर पर चुरा लिया.    

8. साकिब इफ़तेकार (26): हापुड़, उत्तर प्रदेश का निवासी है और जामा मस्जिद, बक्सर, उत्तर प्रदेश में इमाम का काम करता है. उसने हथियारों की खरीद में मोहम्मद सुहैल की मदद की. एजेंसी ने तलाशी के दौरान 12 पिस्तौलें, 150 कारतूस, चाकू और तलवारें बरामद की है.    

9. मोहम्मद इरशाद (25 से 30 साल के बीच): अमरोहा के मोहल्ला क़ाज़ी ज़ादा का निवासी है और ऑटो-रिक्शा चालक है. उसने आईईडी और बम बनाने के लिए सामग्री रखने के लिए ठिकाने की व्यवस्था करने में मोहम्मद सुहैल की मदद की. 

10. मोहम्मद आज़म (35): दिल्ली के चौहान बाजार का निवासी है सीलमपुर में दवाइयों की एक दुकान चलाता है. उसने सुहैल को हथियारों की व्यवस्था करने में मदद की.    


 

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