राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने बिहार (Bihar) के कैमूर जिले के कुल्हड़ियां गांव में सीमेंट निर्माण इकाई से प्रदूषण का आरोप लगाने वाली याचिका पर एक समिति का गठन किया है और उसे रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति बृजेश सेठी और विशेषज्ञ सदस्य प्रो ए सेंथिल वेल की पीठ ने भुवनेश्वर में पर्यावरण और वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के क्षेत्रीय कार्यालय, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों और कैमूर के जिलाधिकारी को शामिल करते हुए एक समिति का गठन किया.
यमुना प्रदूषण पर अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय मंत्री ने लिखा पत्र, कहा- सफाई आपका चुनावी वादा था
पीठ ने हाल में एक आदेश में कहा, ‘‘संयुक्त समिति एक महीने के भीतर बैठक करने के बाद स्थल का दौरा कर सकती है. शिकायत पर गौर करते हुए उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद कानून के अनुसार उपचारात्मक कार्रवाई की जा सकती है. तथ्यात्मक और कार्रवाई की रिपोर्ट तीन महीने के भीतर ई-मेल के जरिए भेजी जा सकती है.'' एनजीटी ‘छावों पंचायत विकास समिति' की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि कैमूर में भेरियान रोड, कुल्हड़ियां में स्थित एन यू विस्टा सीमेंट कंपनी (जिसे पहले इमामी सीमेंट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) की एक इकाई के कामकाज के कारण आस-पास के निवासियों के लिए स्वास्थ्य का खतरा उत्पन्न हो रहा है.
दिल्ली में प्रदूषण : हॉटस्पॉट पर पानी का छिड़काव करके राहत की कोशिश
याचिका में कहा गया है कि कंपनी आसपास की कृषि भूमि में प्रदूषित पानी छोड़ रही है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है. याचिका में यह भी कहा गया है कि जल निकासी व्यवस्था के अभाव में सीमेंट के घोल वाला पानी कृषि क्षेत्रों में छोड़ दिया जाता है. इससे खेत की पैदावार क्षमता खत्म हो जाती है और यह पानी आसपास की नदियों को प्रदूषित करने के साथ ही जलीय जीवन को भी प्रभावित करता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं