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This Article is From Jul 01, 2019

नए अध्यक्ष ने बदल दिया लोकसभा का तौर-तरीका, ममता बनर्जी ने भेजी मिठाई

कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए ओम बिरला को स्पीकर के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली, नए सांसदों को दे रहे हैं भरपूर मौके

नए अध्यक्ष ने बदल दिया लोकसभा का तौर-तरीका, ममता बनर्जी ने भेजी मिठाई
लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में कामकाज के तरीके में बड़ा बदलाव किया है.
नई दिल्ली:

लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिरला राज्य विधानसभाओं में बैठकों की कम होती संख्या से चिंतित हैं. सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र होने के बाद वे सभी राज्य विधानसभा अध्यक्षों की एक बैठक बुलाने जा रहे हैं जिसमें वे आग्रह करेंगे कि राज्य विधानसभाओं की बैठकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक ओम बिरला यह भी चाहते हैं कि लोकसभा की कार्यवाही सुचारु ढंग से चले ताकि राज्य विधानसभाएं इसे मिसाल बनाकर अपने यहां भी काम ठीक ढंग से निपटा सकें.

स्पीकर के तौर पर 57 साल के ओम बिरला ने लोकसभा में कामकाज के तरीके में बड़ा बदलाव किया है. सबसे बड़ा बदलाव नए सांसदों को भरपूर मौका देना है.

कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए ओम बिरला को स्पीकर के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. वे खुद जब चुनकर आए थे तब नए सांसद के रूप में उनके जो अनुभव रहे, वे उसे अब बतौर स्पीकर लागू कर रहे हैं. तब उन्हें करीब एक साल तक बोलने का मौका नहीं मिल सका था. अब वे नए सांसदों को खूब मौका दे रहे हैं. अब तक करीब सौ नए सांसदों को शून्यकाल में बोलने का मौका मिल चुका है. नए सांसद इससे बेहद खुश हैं. नए सांसदों को मौका देने के लिए ओम बिरला शून्यकाल का समय बढ़ाने से भी नहीं हिचकिचाए हैं. कुछ ऐसे मौके भी आए जब खुद बिरला आसन पर बैठे रहे ताकि नए सदस्यों को बोलने का मौका मिलता रहे. इसके लिए उन्होंने अपना दोपहर का भोजन भी टाल दिया.

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सदन की कार्यवाही में किसी तरह का व्यवधान न हो, यह भी ओम बिरला सुनिश्चित कर रहे हैं. वे विपक्ष के सांसदों को आश्वासन देते हैं कि उन्हें बोलने का पूरा मौका मिलेगा. डीएमके के नेता टीआर बालू के साथ ऐसा ही हुआ. स्पीकर ने उनको दिया अपना वादा निभाया और उन्हें बाद में बोलने का पूरा मौका दिया.

इसी तरह प्रश्नकाल को भी ओम बिरला कस रहे हैं. सांसदों से प्रश्न और मंत्रियों से उत्तर को संक्षिप्त और सटीक रखने को कहा जाता है. इसका नतीजा है कि औसतन अब आठ प्रश्नों का जवाब मिल रहा है. जबकि इससे पहले यह औसत करीब साढ़े चार था. मंत्रियों को कई बार आसन से टोका भी गया है.

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सांसदों को नसीहत दी गई है कि वे आसन के सामने न आएं. इसी तरह यह भी कह दिया गया है कि वे मार्शल के जरिए आसन को कोई आवेदन या पर्चा न भेजें. सभी सांसदों से कहा गया है कि वे अधिकारियों के जरिए तय नियमों के तहत ही अपना आवेदन रखें.

सूत्रों के अनुसार बिरला ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता हर तरह से मौजूदा सत्र में सदन को ठीक से चलाने की है. इसके लिए वे विपक्ष के सांसदों से लगातार मिल रहे हैं. आज तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों ने उनसे मुलाकात की. बाद में इन सांसदों ने बताया कि उन्होंने ओम बिरला को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक पत्र सौंपा है जिसमें ममता ने बिरला को बधाई दी है, साथ ही उनके सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं दी हैं. ममता बनर्जी ने स्पीकर को प्रसिद्ध बंगाली मिठाई संदेश का एक डिब्बा भी इन सांसदों के हाथ से भिजवाया है.

VIDEO : लोकसभा के नए स्पीकर बने ओम बिरला

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