आज लोकसभा में केंद्र सरकार लैंड बिल को पास कराने की कोशिश करेगी। मोदी सरकार के लिए यह अहम बिल है। इस बिल के कुछ प्रावधानों पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी, जिसे लेकर संसद के दोनों सदनों में काफी हंगामा हुआ। लैंड बिल में किए गए बदलावों पर सरकार ने संसद में अपनी बात रखी और बिल के किसान विरोधी होने से इनकार किया।
बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटों का समय निर्धारित किया गया है। माना जा रहा है कि बिल का विरोध कर रहे सहयोगी दलों और विपक्ष को साथ लाने के लिए सरकार इसमें कुछ संशोधन करेगी। पिछले हफ्ते सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को अलग-अलग दलों से इस मुद्दे पर बात करने का ज़िम्मा दिया गया था। किसान संगठनों से कई दौर की बातचीत के बाद उनके सुझावों को भी संशोधन में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
वहीं राज्यसभा में माइन्स और मिनरल्स संशोधन बिल और मोटर व्हीकल संशोधन बिल पर चर्चा होगी। दोनों बिलों को लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है।
वैसे, विपक्ष के हमलावर रवैये के बीच सरकार आज भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को लोकसभा में पारित कराने की कोशिश करेगी।
संशोधन को तैयार सरकार
-विवादास्पद प्रावधानों की भाषा बदली जाएगी
-पीपीपी मॉडल में ज़मीन पर सरकार का मालिकाना हक़ होने की बात
-इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सड़क से 1-2 किमी तक की ज़मीन का ही अधिग्रहण
-सामाजिक ढांचे में सिर्फ़ सरकारी स्कूल-अस्पताल ही बनेंगे, निजी नहीं
-सहमति और सामाजिक प्रभाव अध्ययन के प्रावधानों को अधिक स्पष्ट किया जाएगा
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