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This Article is From Dec 13, 2015

यह सुनिश्चित करने की जरूरत कि हर भारतीय बिना भय, पूर्वाग्रह के रह सके : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

यह सुनिश्चित करने की जरूरत कि हर भारतीय बिना भय, पूर्वाग्रह के रह सके : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति ने कहा, 'हर धर्म मानवता के बुनियादी मूल्यों की शिक्षा देता है'
कोलकाता: भारत के बहुलतावादी स्वभाव पर जोर देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि अगर हर व्यक्ति बिना 'भय और पूर्वाग्रह' के रहता है तो ही देश का सामाजिक तानाबाना बना रहेगा। प्रणब मुखर्जी ने 'डाइसीस ऑफ कोलकाता' की स्थापना के 200 साल पूरा होने के समारोह में कहा कि हर धर्म मानवता के बुनियादी मूल्यों की शिक्षा देता है।

उन्होंने कहा, धर्म, संयम और अलग-अलग विचारों की स्वीकार्यता हमारे कुछ मूलभूत सिद्धांत बनाते हैं। भारत अपने बहुलतावादी आदर्शों पर गर्व करता है। राष्ट्रपति ने कहा, जब जाति, नस्ल, क्षेत्र और धर्म से हटकर हर व्यक्ति बिना भय एवं पूर्वाग्रह के रह सकेगा और प्रगति में भागीदार बन सकेगा तो ही हमारे समाज का तानाबाना बना रहेगा।

दादरी में बीफ की अफवाह पर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की पृष्ठभूमि और बढ़ती असहिष्णुता के दावे को लेकर बहस के बीच राष्ट्रपति सहिष्णुता और बहुलवाद के लिए अपील करते आ रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विविधता में एकता भारत के सांस्कृतिक मूल्यों का हिस्सा है।

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