ग्रेटर नोएडा के गांव मेवला गोपालगढ़ पहुंची डॉक्‍टरों की टीम, घर-घर जाकर किया कोरोना टेस्‍ट

खबर के सामने आने के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई. गांव में विभाग की टीम कोरोना की एंटीजन और RTPCR टेस्ट कर रही है. डॉक्‍टरों की टीम घर-घर जाकर मरीजों को देख रही है.

नई दिल्ली:

दिल्‍ली और एनसीआर में कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच NDTV में रविवार को खबर दिखाई गई कि ग्रेटर नोएडा के मेवला गोपालगढ़ गांव में नीम के पेड़ के नीचे कोरोना मरीजों का झोला छाप डॉक्टर से इलाज हो रहा है. इसके खबर के सामने आने के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई. गांव में विभाग की टीम कोरोना की एंटीजन और RTPCR टेस्ट कर रही है. डॉक्‍टरों की टीम घर-घर जाकर मरीजों को देख रही है. यही नहीं, कोरोना के मरीजों को दवाओं की किट भी बांटी जा रही है.

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गौरतलब है कि NDTV ने दिल्ली से महज़ 80 किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा के मेवला गोपालगढ़ गांव की यह खबर रविवार को दिखाई थी. इसमें दिखाया गया था कि लोग बीमार हैं, अस्पताल में जगह नहीं, लिहाज़ा यहां नीम के पेड़ के नीचे टहनियों से बांध कर ड्रिप लगाकर मरीज़ों को दवा दी जा रही है. 67 साल के हरदीप सिंह के फेफड़ो में इंफेक्शन है, कोरोना पॉज़िटिव हैं और यहां इस तरह इलाज करवा रहे हैं. उनका कहना था कि अस्पताल में हालत और भी ख़राब हैं. यहां उन्हें ठीक लगता है. अस्पताल की हालत को देखते हुए गांव के लोगों ने मरीज़ों के लिए घरों में ही ऑक्सीजन सिलिंडर लगा लिए हैं. गांव में एक हफ्ते के भीतर पांच लोगों की मौत हो चुकी है. 

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65 साल के राजिन्दर सिंह को 5 मई को बुखार हुआ. सही वक्त पर मेडिकल मदद नहीं मिली, 8 मई को उनकी मौत हो गई. गांव के प्रधान योगेश तालान ने उस समय बताया था कि स्वास्थ विभाग की टीम यहां पहुंची ही नहीं. कह रहे हैं लोग मरने पर मजबूर हैं पर प्रशासन कुछ नहीं कर रहा. सब 'राम भरोसे' पड़े हैं. झोला छाप डॉक्टर का ही बस आसरा है. ये हालत ग्रेटर नोएडा के जेवर के मेवला गोपालगढ़ गांव की ही नहीं, आसपास के तमाम गांवों में ऐसे ही हालात हैं.