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This Article is From Sep 30, 2015

NDTV एक्सक्लूसिव : भगवान पर भरोसा रखना काफी मुश्किल है : आरुषि तलवार के माता-पिता

NDTV एक्सक्लूसिव : भगवान पर भरोसा रखना काफी मुश्किल है : आरुषि तलवार के माता-पिता
नई दिल्ली: अपनी 13-वर्षीय बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज के दोहरे कत्ल के इल्ज़ाम में वर्ष 2013 में दोषी करार दिए गए राजेश और नूपुर तलवार उत्तर प्रदेश की अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर चुके हैं, लेकिन अब तक अपील पर सुनवाई शुरू नहीं हुई है। तलवार दंपति का हमेशा से दावा रहा है कि वे निर्दोष हैं, और कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, तलवार दंपति के खिलाफ पहले नोएडा पुलिस द्वारा और फिर सीबीआई द्वारा की गई जांच खामियों से भरी हुई थी। NDTV की सुनेत्रा चौधरी ने जेल अधिकारियों से बातचीत कर पेशे से दांतों के डॉक्टर तलवार दंपति से खतोकिताबत के जरिये इंटरव्यू किया है, जो आपके सामने पेश है।

NDTV: क्या आप जानते हैं, आपके केस को लेकर एक फिल्म बनी है...? क्या आपको लगता है, इससे आपका केस प्रभावित होगा...?

तलवार दंपति : हमने जेल में फिल्म के ट्रेलर देखे थे और प्रेस में उसके बारे में छपी रिपोर्टें भी पढ़ी थीं... जो अंदाज़ा हम लगा पाए हैं, उसके हिसाब से उन्होंने (फिल्म निर्माताओं ने) दोनों पक्षों को दिखाने की कोशिश की है... लेकिन जिस बात पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया, वह है सीबीआई की गलत इरादे से की गई जांच...
 

NDTV: आपको इस फिल्म या इससे पहले लिखी गई किताब से क्या हासिल होने की उम्मीद है...?

तलवार दंपति : हम सिर्फ इतना सोचते हैं कि कोई भी कुछ करता क्यों नहीं...? क्या वजह है कि सब चुप बैठे हैं, जबकि बिल्कुल साफ है कि बहुत बड़ी नाइंसाफी की गई है, कुछ गलत हो रहा है... किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि कुछ भी बोले, जबकि एक बच्ची के चरित्र पर भी कीचड़ उछाला गया...

NDTV: क्या आप इसी बात से सबसे ज़्यादा चिंतित और दुःखी हैं...?

तलवार दंपति : हम सिर्फ इसी बात को लेकर चिंतित हैं... हम अब जेल में हैं, और आदी हो गए हैं, मरीज़ों को देखते हैं, जिसमें वक्त बीत जाता है, और हम इससे निपट सकते हैं... हम जिस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाते, वह है हमारी बच्ची के बारे में कहे गए झूठ... सब कुछ (मामला) सीबीआई के इशारे पर हुआ...
 

NDTV: क्या आपको दोषी करार दिए जाने के बाद कभी सीबीआई ने आपसे संपर्क किया...?

तलवार दंपति : नहीं...

NDTV: इलाहाबाद हाईकोर्ट में की गई आपकी अपील का क्या हुआ...?

तलवार दंपति : हम जल्दी सुनवाई का आग्रह करते हुए लगातार अर्जियां भेजते रहते हैं, लेकिन इस वक्त वे वर्ष 1986 की अपीलें सुन रहे हैं, सो, इसमें अभी समय लगेगा...

NDTV: क्या आपके वकील इसमें कुछ मदद कर सकते हैं...?

तलवार दंपति : जमानत के आदेश में कोर्ट ने कहा था कि हम काफी असर डालने वाले लोग हैं... कहां है वह असर...? क्या हम सीबीआई पर कोई असर डाल पाए...? हम किस पर असर डाल पाए...? हम और अर्जियां भेज सकते हैं, लेकिन चूंकि काफी छुट्टियां आ रही हैं, इसलिए इसमें वक्त लगेगा...
 

NDTV: कानूनी विशेषज्ञों समेत बहुत-से लोगों का मानना है कि आपकी गलती प्रोटेस्ट पेटिशन दाखिल करना था... क्या आप इस बात से सहमत हैं...?

तलवार दंपति : मैं नहीं जानता, वे ऐसा क्यों कहते हैं... अगर सीबीआई किसी के बच्चे की हत्या के बारे में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर रही हो, तो क्या वह आपत्ति नहीं करेगा...? मैंने सिर्फ आगे जांच का आग्रह किया था... मैंने यह तक नहीं कहा था कि मेरे खिलाफ जांच मत करो... पिता होने के नाते आप इसे ऐसे ही जाने नहीं दे सकते, जब तक न्याय नहीं मिल जाता...
 

NDTV: आपकी कहानी पर किताब लिखी गई, अब फिल्म भी बनाई गई, सो, क्या आप खुद भी कुछ सोच रहे हैं, अपनी कहानी खुद बताने के लिए...?

नूपुर तलवार : मैंने लिखना शुरू किया था, लेकिन फिर लगने लगा, मेरे साथ सब कुछ दोबारा घट रहा है... काफी दर्दनाक था, सो, फिलहाल उसे रोक दिया है...

NDTV: आपको उम्रकैद हुई है, सो, इसे झेलने की हिम्मत आपमें कहां से आती है...?

तलवार दंपति : आरुषि की खातिर लड़ने का जज़्बा... जो उन्होंने उसके साथ किया, मैं उसे ठीक करना चाहता हूं... सच को सामने आना ही चाहिए, इसलिए लड़ने की ज़रूरत है, जो हमें हिम्मत दिए रहती है... हम जानते हैं, हम दो मामूली लोग हैं, सो, कौन सुनेगा हमारी, लेकिन हम इसमें डटे रहते हैं...
 

NDTV: क्या आपके दोस्त अब भी हैं...?

तलवार दंपति : कुछ हैं... हैरानी की बात है कि हमारे कुछ मरीज़ हैं, जो हमारे साथ हैं... वे हमसे मिलने आते रहते हैं... एक अपने एक्स-रे लेकर हमें दिखाने आए थे, कुछ पूछते हैं कि हम उनका यहां इलाज क्यों नहीं कर सकते... पैट्रिक फ्रेंच काफी पुराने मरीज़ हैं, जो हमारे साथ हैं, और जेल में भी हमसे मिलने आए... उनका कहना था कि इस मामले में जिस तरह भारतीय मीडिया ने रिपोर्टिंग की, वैसा अगर ब्रिटेन में हुआ होता, तो मीडिया हाउस ही बंद हो गए होते...

NDTV: आप दोनों आपस में कब-कब मिलते हैं...?

तलवार दंपति : आधिकारिक रूप से हम हफ्ते में सिर्फ एक बार मिलते हैं, लेकिन क्लीनिक की वजह से (राजेश रोज़ाना मरीज़ों को देखते हैं) हम हफ्ते में तीन बार मिल पाते हैं... जब से हम आए हैं, क्लीनिक बहुत अच्छा चल रहा है, और जेल अधिकारी हमसे मशविरा लेने के लिए अपने परिजनों को भी ले आते हैं...

NDTV: क्या आप पढ़ते हैं...?

राजेश तलवार : मैं सब कुछ पढ़ता हूं... अमिताव घोष, नील मुखर्जी और झुम्पा लाहिड़ी की सभी किताबें पढ़ीं, और कुछ धार्मिक किताबें भी...

नूपुर तलवार : मैंने गुरचरण दास की 'डिफिकल्टी ऑफ बीइंग गुड' (Difficulty of Being Good) पढ़ी है...

NDTV: क्या आपको अब भी परमात्मा में भरोसा है...?

तलवार दंपति : कभी-कभी नहीं रहता, लेकिन और कोई विकल्प भी कहां है...? साईं बाबा ने कहा था, जीने के लिए सिर्फ आस्था और सब्र की ही ज़रूरत होती है, और हमें लगता है, वह बिल्कुल सच साबित हुआ है...

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