खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि पाकिस्तान जब तक आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करता तब तक भारत उसके साथ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं खेलेगा.
नई दिल्ली:
खेल मंत्री विजय गोयल का कहना है कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगा ताकि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तान की करतूतें दुनिया के सामने आ सकें. पाकिस्तान की हरकतें बेनकाब हों और विश्व में इसका स्पष्ट संदेश जाए. उन्होंने कहा है कि जब कोई व्यक्ति आपको गाली दे, आपको मारे तो क्या आप उससे संबंध बनाकर चल सकते हैं? पाक भारत के खिलाफ साजिश करता है इसलिए भारत उसके साथ किसी तरह से खेल या सांस्कृतिक संबंध नहीं रखेगा. गोयल ने यह बात एनडीटीवी से खास बातचीत में कही.
गौरतलब है कि गोयल ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करेगा तब तक भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी द्विपक्षीय सीरीज संभव नहीं है. बीसीसीआई और पीसीबी के बीच दुबई में होने वाली बैठक से पहले विजय गोयल का यह बयाना आया. मंगलवार को विजय गोयल ने एनडीटीवी से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज को लेकर बातचीत की. इस चर्चा के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं-
सवाल : कल आपने बयान दिया था कि भारत-पाक द्विपक्षीय सीरीज नहीं होनी चाहिए.. तो क्या आपको लगता है कि अगर क्रिकेट सीरीज नहीं होगी तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा?
जवाब : मेरा यह स्पष्ट मानना है कि जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद को समाप्त नहीं करेगा, जब तक वह आतंकवादी गतिविधियां चलाता रहेगा, जब तक वह जम्मू-कश्मीर के अंदर गड़बड़ करेगा, तब तक पाकिस्तान के साथ खेल के संबंध नहीं हो सकते. आतंकवाद और खेल साथ-साथ नहीं चल सकते. आपके व्यक्तिगत जीवन के अंदर भी, जो व्यक्ति आपको गाली देता हो, जो आपको मारता हो, जिसने आपके साथ गलत किया हो, क्या आप उसके साथ सारे संबंध रखते हैं? इसलिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान की जनता को भी यह पता चले और पूरे विश्व के अंदर भी यह संदेश जाए कि पाकिस्तान किस तरीके से भारत के अंदर गड़बड़ कर रहा है, आतंकवाद फैला रहा है, जम्मू कश्मीर के नौजवानों को उकसा रहा है. देश की जनता भी यह नहीं चाहती कि ऐसे समय में भारत और पाकिस्तान क्रिकेट का मैच खेल रहे हों जब हमारे जवान मोर्चे पर डटे हों.
सवाल : हम द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलना चाहते लेकिन हम पाकिस्तान के साथ ट्राई सीरीज खेलते हैं, वर्ल्ड कप खेलते हैं, चैंपियंस ट्रॉफी खेलते हैं. तो यह सब सीरीज हम बंद क्यों नहीं कर देते?
जवाब : बच्चा भी जानता है इस चीज़ को कि द्विपक्षीय सीरीज हमारे हाथ में होती है. दूसरी सीरीज हमारे हाथ में नहीं होती. मैं यह समझता हूं कि आपका जो संदेश देने का काम है वह बाईलेट्रल सीरीज से हो जाता है. पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहता है, भारत के खिलाफ साजिश करता है इसलिए भारत उसके साथ किसी तरह से खेल या सांस्कृतिक संबंध नहीं रखेगा.
सवाल : सन 1999 के कारगिल वार के बाद हम पाक के साथ वर्ल्ड कप भी खेले थे. 2003-04 में जब आप खेल मंत्री थे, भारत ने पाक का दौरा किया था. उस समय, जहां तक मुझे याद है, भारत ने वह सीरीज़ जीती थी. उस वक्त मंत्री होते हुए भी आपने सीरीज को क्यों नहीं रोका था. उस वक्त और अब के बीच में क्या फर्क है?
जवाब : जो आपको याद है, वह मुझे याद नहीं है और दूसरी बात जो पहले हुआ हो वही हमेशा होता रहे, ऐसा कभी होता है क्या? सरकारों के कूटनीतिक फैसले भी होते हैं. सरकारें समय-समय पर अपने फैसलों में बदलाव करती हैं. जो फैसला देश की सुरक्षा, सम्मान, जवानों के मान से संबंध रखता हो वह लिया जाता है.
सवाल : लेकिन 2013 से हम लोग द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहे हैं. लेकिन अब इस मुद्दे से क्या फायदा...वैसे ही हम लोग नहीं खेल रहे हैं?
जवाब : नहीं खेल रहे हैं तो अभी भी नहीं खेलेंगे. जब तक पाक यह संदेश नहीं दे देता कि उसने अपनी हरकतें छोड़ दी हैं. जो नापाक हरकतें हैं.
सवाल : तो क्या इससे फर्क पड़ेगा?
जवाब : यह प्रोटेस्ट ही होता है. इससे एक मैसेज जाता है. दूसरी बात यह है कि आपका मन करेगा क्या? जब आपके घर में किसी तरह की दुर्घटना होती है, तब आपका मन दीवाली-होली बनाने का करता है क्या? नहीं ना. तो ऐसे ही जिस तरह की गतिविधियां पाक कर रहा है. ऐसे में उसके साथ मैच खेलना संभव नहीं है.
गौरतलब है कि गोयल ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करेगा तब तक भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी द्विपक्षीय सीरीज संभव नहीं है. बीसीसीआई और पीसीबी के बीच दुबई में होने वाली बैठक से पहले विजय गोयल का यह बयाना आया. मंगलवार को विजय गोयल ने एनडीटीवी से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज को लेकर बातचीत की. इस चर्चा के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं-
सवाल : कल आपने बयान दिया था कि भारत-पाक द्विपक्षीय सीरीज नहीं होनी चाहिए.. तो क्या आपको लगता है कि अगर क्रिकेट सीरीज नहीं होगी तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा?
जवाब : मेरा यह स्पष्ट मानना है कि जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद को समाप्त नहीं करेगा, जब तक वह आतंकवादी गतिविधियां चलाता रहेगा, जब तक वह जम्मू-कश्मीर के अंदर गड़बड़ करेगा, तब तक पाकिस्तान के साथ खेल के संबंध नहीं हो सकते. आतंकवाद और खेल साथ-साथ नहीं चल सकते. आपके व्यक्तिगत जीवन के अंदर भी, जो व्यक्ति आपको गाली देता हो, जो आपको मारता हो, जिसने आपके साथ गलत किया हो, क्या आप उसके साथ सारे संबंध रखते हैं? इसलिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान की जनता को भी यह पता चले और पूरे विश्व के अंदर भी यह संदेश जाए कि पाकिस्तान किस तरीके से भारत के अंदर गड़बड़ कर रहा है, आतंकवाद फैला रहा है, जम्मू कश्मीर के नौजवानों को उकसा रहा है. देश की जनता भी यह नहीं चाहती कि ऐसे समय में भारत और पाकिस्तान क्रिकेट का मैच खेल रहे हों जब हमारे जवान मोर्चे पर डटे हों.
सवाल : हम द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलना चाहते लेकिन हम पाकिस्तान के साथ ट्राई सीरीज खेलते हैं, वर्ल्ड कप खेलते हैं, चैंपियंस ट्रॉफी खेलते हैं. तो यह सब सीरीज हम बंद क्यों नहीं कर देते?
जवाब : बच्चा भी जानता है इस चीज़ को कि द्विपक्षीय सीरीज हमारे हाथ में होती है. दूसरी सीरीज हमारे हाथ में नहीं होती. मैं यह समझता हूं कि आपका जो संदेश देने का काम है वह बाईलेट्रल सीरीज से हो जाता है. पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहता है, भारत के खिलाफ साजिश करता है इसलिए भारत उसके साथ किसी तरह से खेल या सांस्कृतिक संबंध नहीं रखेगा.
सवाल : सन 1999 के कारगिल वार के बाद हम पाक के साथ वर्ल्ड कप भी खेले थे. 2003-04 में जब आप खेल मंत्री थे, भारत ने पाक का दौरा किया था. उस समय, जहां तक मुझे याद है, भारत ने वह सीरीज़ जीती थी. उस वक्त मंत्री होते हुए भी आपने सीरीज को क्यों नहीं रोका था. उस वक्त और अब के बीच में क्या फर्क है?
जवाब : जो आपको याद है, वह मुझे याद नहीं है और दूसरी बात जो पहले हुआ हो वही हमेशा होता रहे, ऐसा कभी होता है क्या? सरकारों के कूटनीतिक फैसले भी होते हैं. सरकारें समय-समय पर अपने फैसलों में बदलाव करती हैं. जो फैसला देश की सुरक्षा, सम्मान, जवानों के मान से संबंध रखता हो वह लिया जाता है.
सवाल : लेकिन 2013 से हम लोग द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहे हैं. लेकिन अब इस मुद्दे से क्या फायदा...वैसे ही हम लोग नहीं खेल रहे हैं?
जवाब : नहीं खेल रहे हैं तो अभी भी नहीं खेलेंगे. जब तक पाक यह संदेश नहीं दे देता कि उसने अपनी हरकतें छोड़ दी हैं. जो नापाक हरकतें हैं.
सवाल : तो क्या इससे फर्क पड़ेगा?
जवाब : यह प्रोटेस्ट ही होता है. इससे एक मैसेज जाता है. दूसरी बात यह है कि आपका मन करेगा क्या? जब आपके घर में किसी तरह की दुर्घटना होती है, तब आपका मन दीवाली-होली बनाने का करता है क्या? नहीं ना. तो ऐसे ही जिस तरह की गतिविधियां पाक कर रहा है. ऐसे में उसके साथ मैच खेलना संभव नहीं है.
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