पहली बार NDTV पर स्वर्ण मंदिर के भीतर की विहंगम 360 डिग्री तस्वीरें

अमृतसर:

Post from RICOH THETA. - Spherical Image - RICOH THETA

सिखों का सबसे ज़्यादा श्रद्धेय गुरुद्वारा, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर... 50 एकड़ में फैला यह गुरुद्वारा ऐसी शांति और सुकून प्रदान करता है, जिसे आप यहां से लौटने के बाद भी भुला नहीं सकते...

संध्या में सरोवर (या अमृतकुंड) के पास हो रही प्रार्थना के समय का यह 360 डिग्री वीडियो देखिए, और इस वीडियो की विशेषता यह है कि आप इसे घुमाते रहें, और अलग-अलग कोणों से निहारते रहें गुरुद्वारे की खूबसूरती...


लेकिन 430 साल पुराने इस गुरुद्वारे को, जो लाखों-करोड़ों के लिए शांति, साहस और प्रेरणा बना रहा है, अब मदद की दरकार है... लगातार होते वायु प्रदूषण की वजह से इसकी दीवारें और शानदार गुंबद का रंग फीका पड़ गया है... स्वर्णजटित दीवारें एक सदी से भी ज़्यादा वक्त पहले बदली गई थीं, और फिर उन्हें वर्ष 1999 में बदला गया... हाल ही में इलाके में प्रदूषण कम करने के लिए चलाए गए अभियान के बावजूद हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है, और इलाके में प्रदूषण पर निगरानी रखने के उपकरण तक नहीं लगाए गए हैं...

अमृतसर के अग्रणी पर्यावरणविद गुणबीर सिंह ने बताया कि आईआईटी-दिल्ली के विचारों के अलावा कई अध्ययनों में पाया गया कि "यहां पार्टिकुलेट मैटर (छोटे कण) तथा अन्य प्रदूषक तत्वों की मात्रा उस मात्रा से दो से तीन गुना अधिक है, जिसकी अनुमति है... सो, वायु प्रदूषण स्वर्ण मंदिर की चमक को कम करने में काफी बड़ी भूमिका निभा रहा है..."
 
मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते से कुछ ही फुट की दूरी पर कूड़े के इतने बड़े-बड़े ढेर मौजूद हैं, जिन्हें अनदेखा किया ही नहीं जा सकता...

इस 360 डिग्री तस्वीर को देखिए, और अलग-अलग कोणों से देखने के लिए इसे घुमाएं...

 

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इसी तरह कई तरह का निर्माण कार्य जारी होने की वजह से रास्ते में रेत, मलबे के अलावा धूल भी उड़ती रहती है, जैसा इस 360 डिग्री तस्वीर में दिखाई दे रहा है...

 

17वीं शताब्दी के इस गुरुद्वारे के प्रवेश पर श्रद्धालु कई-कई घंटे संगमरमर के फर्श को साफ करने में बिताते हैं...

जब आप भीतर पहुंचते हैं, अंदर का दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देता है... लेकिन प्रदूषण से हो रहे नुकसान को महसूस करने और देखने के लिए आपको कई बार वहां जाना पड़ सकता है... वहां लगातार आने वाले बताते हैं कि कैसे दीवारें अपनी चमक खोती जा रही हैं...

अमृतसर को भारत का नौवां सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर घोषित किया गया है... इन हालात को सुधारने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) दोनों की है...
 
एसजीपीसी के मुख्य सचिव हरचरण सिंह ने कहा, "दो साल पहले हम लोग आतिशबाजी किया करते थे... अब हमने वह बंद कर दी है... हम प्रदूषण कम करने के लिए कुछ कदम उठा रहे हैं... अब आप लंगर को ही लीजिए... पहले रसोई में लकड़ी जलाई जाती थी, लेकिन अब सिर्फ गैस का इस्तेमाल किया जाता है... यही नहीं, गुरुद्वारे के आसपास के इलाके में जल्द ही सिर्फ बैटरी से चलने वाले वाहनों को अनुमति दी जाएगी..."

जब आप यहां स्वर्ण मंदिर में नंगे पैर चलते हैं, आप पाएंगे कि इसका कोना-कोना पूरी तरह साफ-सुथरा है,,, हरचरण सिंह बताते हैं, "रात को यहां दिखाई देने वाले किसी भी व्यक्ति, चाहे वह दुपट्टा ओढ़े महिला हो, या तौलिया संभाले पुरुष, को कोई पैसा नहीं दिया जाता... सभी स्वेच्छा से सेवा करते हैं..."
 
गुणबीर सिंह का कहना है, इससे निपटने का सिर्फ एक रास्ता है, "जब तक सारा समुदाय और सारा शहर इस मुद्दे पर एकजुट नहीं हो जाता, कुछ भी नहीं बदलेगा..."

अब आप देखिए, सरोवर के किनारे आराम करते श्रद्धालुओं की 360 डिग्री तस्वीर...

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