संवाददाताओं से बात करते हुए राजनाथ सिंह और अरुण जेटली
नई दिल्ली:
आखिर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सुषमा स्वराज पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि सुषमा स्वराज ने जो किया, वो बिल्कुल सही किया। ये सामूहिक फैसला है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों से बातचीत में सुषमा स्वराज के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ''विदेश मंत्री ने जो भी फैसला लिया, वह सही नीयत से लिया था। उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। फैसले पर सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है और सुषमा स्वराज इस निर्णय पर अकेली नहीं हैं।''
लेकिन इससे पहले आख़िरकार कीर्ति आज़ाद का उछाला हुआ सवाल अरुण जेटली से पूछ ही लिया गया। "ये आस्तीन का सांप कौन है?"
जेटली ने इसे नज़रअंदाज़ किया, लेकिन ललित मोदी पर सुषमा स्वराज के फैसले के बचाव में कोई कसर नहीं छोड़ी। अरुण जेटली ने कहा "सुषमा ने कुछ गलत नहीं किया है, जो फैसला उन्होंने लिया वो सरकार का फैसला है। और साथ में ये भी की विवाद आधारहीन है।"
वैसे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की लंबी बैठक भी चली। राजनाथ ने कहा कि सुषमा स्वराज का फ़ैसला हितों के टकराव का मामला नहीं है।
जेटली ने आगे कहा, पार्टी अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि सभी आरोप निराधार हैं। सरकार और पूरी पार्टी उनके साथ है। उन्होंने कहा, ललित मोदी को 16 में से 15 केसों में नोटिस जारी किया गया है और मोदी के खिलाफ सभी नोटिस कायम हैं। प्रवर्तन निदेशालय इनकी जांच में जुटा है।
साफ़ तौर पर सरकार मजबूती से सुषमा स्वराज के पीछे खड़ी है। लेकिन छूटे हुए सवाल देर-सबेर अपना जवाब मांगेगे ही।
लेकिन इससे पहले आख़िरकार कीर्ति आज़ाद का उछाला हुआ सवाल अरुण जेटली से पूछ ही लिया गया। "ये आस्तीन का सांप कौन है?"
जेटली ने इसे नज़रअंदाज़ किया, लेकिन ललित मोदी पर सुषमा स्वराज के फैसले के बचाव में कोई कसर नहीं छोड़ी। अरुण जेटली ने कहा "सुषमा ने कुछ गलत नहीं किया है, जो फैसला उन्होंने लिया वो सरकार का फैसला है। और साथ में ये भी की विवाद आधारहीन है।"
वैसे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की लंबी बैठक भी चली। राजनाथ ने कहा कि सुषमा स्वराज का फ़ैसला हितों के टकराव का मामला नहीं है।
जेटली ने आगे कहा, पार्टी अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि सभी आरोप निराधार हैं। सरकार और पूरी पार्टी उनके साथ है। उन्होंने कहा, ललित मोदी को 16 में से 15 केसों में नोटिस जारी किया गया है और मोदी के खिलाफ सभी नोटिस कायम हैं। प्रवर्तन निदेशालय इनकी जांच में जुटा है।
साफ़ तौर पर सरकार मजबूती से सुषमा स्वराज के पीछे खड़ी है। लेकिन छूटे हुए सवाल देर-सबेर अपना जवाब मांगेगे ही।
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