प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के जिस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय उसी एनसीटीसी का गठन करने की तैयारी कर रहा है. एनसीटीसी का प्रस्ताव साल 2008 में मुंबई हमले के बाद तब के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने शुरू किया था लेकिन बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ उस समय राज्यों ने इस प्रस्ताव को देश के संघीय ढांचे के लिये खतरा बताते हुये खारिज कर दिया था. लेकिन अब एक बार फिर इसके गठन को लेकर एक विशेष वर्किंग पेपर तैयार किया जा रहा है. केंद्रिय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस प्रस्ताव को इस तरह से आकर्षित बनाया जा रहा है कि राज्य सरकारें मना न कर सकें.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'इस प्रस्ताव में एनसीटीसी के तहत विभिन्न स्रोतों से मिलने वाली खुफिया सूचनाओं को एक जगह एकत्र करने, इन पर जांच करने और कार्रवाई करने की समूची प्रक्रिया को समाहित करने की बात शामिल होगी.' उनके मुताबिक़ प्रस्तावित एनसीटीसी को सीधे गृह मंत्रालय के मातहत करने की बात शामिल होगी. पिछले प्रस्ताव में इसे खुफिया ब्यूरो यानी आईबी के अंतर्गत गठित करने का प्रस्ताव शामिल था.
दरअसल राज्य सरकारों को आईबी पर भरोसा है इसलिए वो इसका विरोध कर रही हैं. सूत्रों के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में चिदंबरम की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने गृह सचिव राजीव महर्षि से एनसीटीसी के भविष्य को लेकर सरकार की योजना के बारे में पूछताछ की थी. वैसे चिदंबरम के बाद साल 2013 में तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी एनसीटीसी के गठन के प्रस्ताव पर राज्यों के बीच सहमति कायम करने की कोशिश की थी लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'इस प्रस्ताव में एनसीटीसी के तहत विभिन्न स्रोतों से मिलने वाली खुफिया सूचनाओं को एक जगह एकत्र करने, इन पर जांच करने और कार्रवाई करने की समूची प्रक्रिया को समाहित करने की बात शामिल होगी.' उनके मुताबिक़ प्रस्तावित एनसीटीसी को सीधे गृह मंत्रालय के मातहत करने की बात शामिल होगी. पिछले प्रस्ताव में इसे खुफिया ब्यूरो यानी आईबी के अंतर्गत गठित करने का प्रस्ताव शामिल था.
दरअसल राज्य सरकारों को आईबी पर भरोसा है इसलिए वो इसका विरोध कर रही हैं. सूत्रों के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में चिदंबरम की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने गृह सचिव राजीव महर्षि से एनसीटीसी के भविष्य को लेकर सरकार की योजना के बारे में पूछताछ की थी. वैसे चिदंबरम के बाद साल 2013 में तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी एनसीटीसी के गठन के प्रस्ताव पर राज्यों के बीच सहमति कायम करने की कोशिश की थी लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी.
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