
सुप्रीम कोर्ट के विवाद का मुद्दा संसद के बजट सत्र में उठाया जाएगा.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में चल रहे विवाद की गूंज अब संसद तक पहुंचने वाली है. एनसीपी ने इस मामले में नोटिस देने का फ़ैसला किया है. अकाली दल भी इस मामले को उठाएगा. 29 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में एनसीपी सुप्रीम कोर्ट में जारी संकट पर चर्चा के लिए नोटिस देगी.
इसी के साथ संसद में सुप्रीम कोर्ट के मसले पर बहस की भूमिका बन गई है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता डीपी त्रिपाठी ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद के बजट सत्र में नोटिस देने का फैसला किया है...जज अगर हर रोज़ सांसदों पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा कर सकते हैं, और हम क्या कुछ नहीं कह सकते?"
यह भी पढ़ें : संसद के बजट सत्र में उठ सकता है सुप्रीम कोर्ट विवाद!
उधर एनडीए के भीतर से भी इस मसले पर आवाज़ उठ रही है. शिरोमणी अकाली दल ने भी कहा है कि वह इस मामले में चर्चा की मांग करेंगे. लोकसभा में शिरोमणी अकाली संसदीय दल के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने एनडीटीवी से कहा, "हम न्यायपालिका में सुधार पर चर्चा के लिए संसद के बजट सत्र में मांग करेंगे...न्यायपालिका में जजों के चयन और कामकाज के तरीके में सुधार ज़रूरी है."
VIDEO : चीफ जस्टिस को पत्र
सरकार इस मामले पर चुप है. मगर न्यायिक सुधारों का पुराना मुद्दा नेता इसी बहाने उठाने की तैयारी में है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जारी संकट के मसले पर राजनीतिक गलियारों में चिंता बढ़ रही है. सांसद मानते हैं कि इस विवाद से न्यायपालिका में सुधार का सवाल महत्वपूर्ण हो गया है...और इस पर संसद में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए.
इसी के साथ संसद में सुप्रीम कोर्ट के मसले पर बहस की भूमिका बन गई है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता डीपी त्रिपाठी ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद के बजट सत्र में नोटिस देने का फैसला किया है...जज अगर हर रोज़ सांसदों पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा कर सकते हैं, और हम क्या कुछ नहीं कह सकते?"
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उधर एनडीए के भीतर से भी इस मसले पर आवाज़ उठ रही है. शिरोमणी अकाली दल ने भी कहा है कि वह इस मामले में चर्चा की मांग करेंगे. लोकसभा में शिरोमणी अकाली संसदीय दल के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने एनडीटीवी से कहा, "हम न्यायपालिका में सुधार पर चर्चा के लिए संसद के बजट सत्र में मांग करेंगे...न्यायपालिका में जजों के चयन और कामकाज के तरीके में सुधार ज़रूरी है."
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सरकार इस मामले पर चुप है. मगर न्यायिक सुधारों का पुराना मुद्दा नेता इसी बहाने उठाने की तैयारी में है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जारी संकट के मसले पर राजनीतिक गलियारों में चिंता बढ़ रही है. सांसद मानते हैं कि इस विवाद से न्यायपालिका में सुधार का सवाल महत्वपूर्ण हो गया है...और इस पर संसद में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए.
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