नए फ्रंट आवाज-ए-पंजाब का नेतृत्‍व करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू, घोषणा अगले सप्‍ताह होगी

नए फ्रंट आवाज-ए-पंजाब का नेतृत्‍व करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू, घोषणा अगले सप्‍ताह होगी

इस्‍तीफा देने के बाद नवजोत सिद्धू के 'आप' और कांग्रेस से जुड़ने की भी अटकलें थीं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • नए राजनीतिक फ्रंट की घोषणा 9 सितंबर को की जाएगी
  • फ्रंट का पोस्‍टर सिद्धू की पत्‍नी नवजोत कौर ने फेसबुक पर शेयर किया
  • पोस्‍टर में सिद्धू को पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट के साथ दिखाया गया है
चंडीगढ़. :

राज्‍यसभा सदस्यता से इस्‍तीफा देने के बाद क्रिकेटर कम राजनेता नवजोत सिद्धू किस पार्टी से जुड़ेंगे, इस बारे में चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है. नवजोत पंजाब में नए राजनीतिक फ्रंट आवाज-ए-पंजाब  का नेतृत्‍व करेंगे. पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं.

फ्रंट आवाज-ए-पंजाब का गठन 9 सितंबर से पहले हो जाएगा. इसका बड़ा पोस्‍टर फेसबुक पर सिद्धू की पत्‍नी नवजोत कौर सिद्धू ने शेयर किया है. नवजोत कौर पंजाब विधानसभा में बीजेपी विधायक हैं. शुक्रवार को शेयर किए गए इस पोस्‍टर में सिद्धू को पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह और लुधियाना से निर्दलीय विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के साथ दिखाया गया है.

बैंस ने NDTV को बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू संभवत: नए फ्रंट की ओर से मुख्‍यमंत्री पद के संभावित उम्‍मीदवार होंगे. उन्‍होंने कहा कि हम गैर अकाली, गैर कांग्रेस और गैर आप,  राजनीतिक फ्रंट के गठन के लिए अपने जैसा खुला दिमाग रखने वाले सभी लोगों से बातचीत कर रहे हैं. उन्‍होंने आरोप लगाया कि पंजाब के लोगों के लिए विकल्‍प उपलब्‍ध कराने का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी को उसके अपने ही लोगों ने बेनकाब कर दिया है. पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह ने भी फेसबुक पर इस पोस्‍टर को शेयर किया है.

गौरतलब है कि बीजेपी से नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्‍यसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया था. सिद्धू इससे पहले अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं. पिछले कुछ समय से नवजोत के बीजेपी के साथ रिश्‍तों में खटास आ गई थी. दरअसल प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्‍व वाली पंजाब सरकार के खिलाफ सिद्धू बेहद मुखर थे और इस सरकार में सहयोगी अपनी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रहे थे. 2014 के आम चुनाव में जब अमृतसर सीट से सिद्धू की जगह अरुण जेटली को टिकट दिया गया तो इन रिश्‍तों की खटास बढ़ी. ऐसे में स्‍वाभाविक है कि जेटली के चुनाव हारने पर आरोपों के कुछ 'छीटें' सिद्धू पर भी आए.

पंजाब में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी आलाकमान ने  सिद्धू को राज्‍यसभा सदस्‍यता देकर संतुष्‍ट करने का प्रयास किया था. लेकिन सिद्धू तो सिद्धू ठहरे. राज्‍यसभा से इस्‍तीफा देकर उन्‍होंने बड़ा धमाका कर डाला था. बाद में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अपना पक्ष रखते हुए उन्‍होंने कहा था, 'मैंने इस्तीफा दिया क्योंकि मुझसे कहा गया कि पंजाब की तरफ मुंह नहीं करोगे. आखिर मैं अपनी जड़, अपना वतन कैसे छोड़ दूं.'

बीजेपी नेतृत्‍व पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा था कि चार इलेक्शन जीतने के बाद राज्यसभा सीट देकर कहा जाता है कि सिद्धू पंजाब से दूर रहो, लेकिन पंछी भी शाम को घोंसले में लौटता है. राष्ट्रभक्त पक्षी भी अपने पेड़ नहीं छोड़ते. दुनिया की कोई भी पार्टी पंजाब से ऊपर नहीं है और कोई भी नफा-नुकसान हो उसे झेलने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू तैयार है. बीजेपी से दूरी बनाने के बाद सिद्धू के आम आदमी पार्टी अथवा कांग्रेस पार्टी से जुड़ने की चर्चाएं भी थीं, लेकिन सूत्रों के अनुसार, कुछ मुद्दों पर बात अटकने के कारण ऐसा नहीं हो सका.


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