नई दिल्ली:
यह कहानी दीये और तूफान की लड़ाई की है जिसमें तूफान पराजित हुआ. छह साल की मासूम बच्ची ममता दलाई ने विशाल मगरमच्छ के जबड़ों से मुकाबला किया और अपनी सहेली का जीवन मौत की कगार से खींचकर ले आई. ममता दलाई को 24 जनवरी को उसके अदम्य साहस के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया जाएगा.
ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में 6 अप्रैल 2017 को यह घटना हुई. छह साल की ममता दलाई और सात साल की आसन्ती दलाई नजदीक के तालाब में स्नान करने के लिए गई थीं. उस तालाब में नजदीक की नदी से मगरमच्छ आ गया था. मगरमच्छ ने अचानक पानी से निकलकर आसन्ती पर हमला कर दिया.
यह भी पढ़ें : तालाब में कूदकर बच्चों को बचाने वाली नेत्रावती को मरणोपरांत मिलेगा वीरता पुरस्कार
पांच फुट लंबे मगरमच्छ ने उसका दाहिना हाथ अपने जबड़े में जकड़ लिया. मगरमच्छ आसन्ती को तालाब में खींचने लगा. इस विषम परिस्थिति में बिना भय के आसन्ती का बांया हाथ पकड़ा और मगरमच्छ के मुंह से खींचने का प्रयास करने लगी. उसने आसन्ती को बचाने के लिए भारी संघर्ष किया. उसकी दृढ़ कोशिशों और चीखों के कारण मगरमच्छ की पकड़ ढीली पड़ गई और वह तालाब में वापस चला गया. इसके बाद ममता आसन्ती को सुरक्षित स्थान तक खींचकर ले आई. आसन्ती के हाथ में गंभीर चोंटें आईं.
VIDEO : गणतंत्र दिवस पर साहसी बच्चे होंगे पुरस्कृत
भीतारकनिका राष्ट्रीय उद्यान के वनाधिकारियों ने मगरमच्छ को पकड़कर वापस नदी में छोड़ दिया. ममता दलाई ने अपने शौर्य से आसन्ती की जिंदगी बचाई.
ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में 6 अप्रैल 2017 को यह घटना हुई. छह साल की ममता दलाई और सात साल की आसन्ती दलाई नजदीक के तालाब में स्नान करने के लिए गई थीं. उस तालाब में नजदीक की नदी से मगरमच्छ आ गया था. मगरमच्छ ने अचानक पानी से निकलकर आसन्ती पर हमला कर दिया.
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