नई दिल्ली: अचानक सामने आए संकट के दौरान घबराहट पर काबू पाकर हालात से मुकाबला करना सभी के बस में नहीं होता लेकिन पंजाब के 16 साल के किशोर करनबीर सिंह ने विषम स्थिति में न सिर्फ खुद को डूबने से बचाया बल्कि अपने 15 साथियों की भी जान बचाई.
करनबीर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए 15 बच्चों का जीवन बचाया जिसके लिए उन्हें 24 जनवरी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.
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करनबीर ने अपने साहस का परिचय 20 सितंबर 2016 को दिया था. इस दिन कुछ बच्चे स्कूल बस से लौट रहे थे. ड्राइवर गाड़ी तेज चला रहा था. अटारी गांव के पास एक पुल को पार करते समय बस दीवार से टकराई और नाले में जा गिरी. कुछ ही देर में बस में पानी भर गया. बस में मौजूद बच्चे घबरा गए. उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. इस गंभीर स्थिति में करनबीर सिंह ने बहादुरी के साथ बस का दरवाजा तोड़ा और बाहर निकल आया.
VIDEO : देश के 18 बच्चों को वीरता पुरस्कार
करनबीर गर्दन तक पानी में डूबा हुआ था लेकिन इसके बावजूद वह दुबारा बस में घुसा और अन्य बच्चों को बाहर निकलने में मदद की. करनबीर ने 15 बच्चों की जान बचाई. इस हादसे में सात बच्चों को नहीं बचाया जा सका. करनबीर खुद घायल हो गया और उसके माथे पर गहरा जख्म हो गया. बच्चों को वहां से अस्पताल ले जाया गया.