NASA's Probe Perseverance (प्रतीकात्मक तस्वीर)
केप केनेवरल: नासा का यान ‘प्रीजरवेंस' गुरुवार देर रात 1132 डिग्री सेल्सियस का तापमान झेलते हुए मंगल ग्रह की सतह पर उतरकर इतिहास रचेगा. भारतीय समयानुसार रात 12.30 बजे यह लाल ग्रह की सतह को छू सकता है. मंगल ग्रह के वायुमंडल में करीब 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने वाले प्रोब (NASA's Probe Perseverance ) को सुपरसोनिक पैराशूट की मदद से धीमा किया जाएगा ताकि वह सतह पर टकराते ही नष्ट न हो जाए.
‘प्रीजरवेंस' को मंगल ग्रह पर एक गहरे गड्ढे में उतारने की तैयारी है, माना जाता है यहां पर कभी गहरी झील थी. प्रोब मंगल ग्रह की सतह से खनिज और अन्य नमूने इकट्ठा करेगा. प्रोब से मिले आंकड़ों को वापस लाने के लिए भविष्य में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी एक और प्रोब लाल ग्रह पर भेज सकती है.
जीवन की गुत्थियां सुलझेंगी
करीब 160 अरब रुपये की लागत से बने ‘प्रीजरवेंस' को मंगल ग्रह पर उतारने की पूरी कवायद को को नासा लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये दुनिया भर में दिखाएगा. छह पहिये वाला यह प्रोब मंगल ग्रह पर कभी जीवन होने की गुत्थियों को सुलझाने में निर्णायक साबित हो सकता है. वैज्ञानिक लंबे समय से दावा करते रहे हैं कि मंगल ग्रह पर अरबों साल पहले जीवन शायद रहा होगा, जब लाल ग्रह पानी और बर्फ का अस्तित्व था.
अब तक का सबसे बड़ा अभियान
‘प्रीजरवेंस' नासा का सबसे बड़ा और महंगा रोवर है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यह नौवां मंगल अभियान है. रोवर को मंगल की सतह पर उतारने के आखिर 7 मिनट को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
जीवन की तलाश में अब तक 40 से ज्यादा मिशन
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशने के लिए अब तक 40 से अधिक अभियान भेजे गए हैं. हाल ही में मंगल के उत्तरी हिस्से में मीथेन के गुबार का पता चला है, जो जीवन के संकेत देता है.पृथ्वी पर 90 प्रतिशत से अधिक मीथेन जीवों और वनस्पति द्वारा पैदा की जाती है. मंगल ग्रह के लिए फरवरी अहम है क्योंकि अमेरिका, चीन और यूएई के मिशन विभिन्न चरणों में हैं. नासा अपने रोवर ‘प्रीजरवेंस' को जेज़ीरो क्रेटर (महाखड्ड) में उतारने की तैयारियों में जुटा हुआ.अब तक आठ देशों ने मंगल पर अपने अभियान भेजे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)