(फाइल फोटो)
अहमदाबाद:
गुजरात उच्च न्यायालय ने 2002 नरोदा पाटिया दंगा मामलों की जांच करने वाले विशेष जांच दल ( एसआईटी ) को फटकार लगाते हुए कहा कि उसकी जांच में कई खामियां थीं. न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने शनिवार को यह भी कहा कि एसआईटी ने जो जांच की है उस पर अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता. एसआईटी का गठन वर्ष 2008 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर किया गया था. उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी समेत 17 अन्य को बरी कर दिया था जबकि बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी समेत 13 लोगों की दोषी माना था. निचली अदालत द्वारा बरी किए गए तीन अन्य लोगों को भी उच्च न्यायालय ने दोषी करार दिया. कोडनानी को वर्ष 2008 में एसआईटी ने ही पहली बार आरोपी बनाया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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