नई दिल्ली:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। ऐसे में कहा जा रहा था कि अब नरेंद्र मोदी गुजरात में एक उप-मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
लेकिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि राज्य में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा।
कहा जा रहा है कि ऐसे किसी भी कदम से राज्य में मोदी के लिए समस्या पैदा हो सकती है। मोदी के विरोधी ने इस बात का अंदेशा जताया था कि जब मोदी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है, तब राज्य के कार्यभार को हल्का करने के लिए एक उप-मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
पार्टी और आरएसएस को यह लगता है कि उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने से सत्ता के दो केंद्र बन सकते हैं और प्रशासन के साथ-साथ राजनीति में भी पार्टी के लिए समस्या आ सकती है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वह राज्य की सेवा ही करना पसंद करेंगे। इसी बात को आधार बनाकर अब आरएसएस और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह कह रहे हैं कि मोदी राज्य की सेवा अगले आम चुनावों तक करते रहेंगे।
यह बात जरूर है कि मोदी को पार्टी ने गोवा अधिवेशन में 2014 आम चुनाव के लिए पार्टी की चुनावी समिति का अध्यक्ष बनाया था, अब मोदी इस पद से इस्तीफा दे देंगे। पार्टी के इस ऐलान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। बाद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मनाने के बाद आडवाणी ने अपना इस्तीफा वापस लिया।
हाल में भी पार्टी ने मोदी को जब पीएम प्रत्याशी बनाए जाने का मन बनाया था, तब भी आडवाणी ने पार्टी के भीतर इसका तीखा विरोध किया था, लेकिन पार्टी ने इनके विरोध को दरकिनार कर दिया।
लेकिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि राज्य में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा।
कहा जा रहा है कि ऐसे किसी भी कदम से राज्य में मोदी के लिए समस्या पैदा हो सकती है। मोदी के विरोधी ने इस बात का अंदेशा जताया था कि जब मोदी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है, तब राज्य के कार्यभार को हल्का करने के लिए एक उप-मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
पार्टी और आरएसएस को यह लगता है कि उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने से सत्ता के दो केंद्र बन सकते हैं और प्रशासन के साथ-साथ राजनीति में भी पार्टी के लिए समस्या आ सकती है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वह राज्य की सेवा ही करना पसंद करेंगे। इसी बात को आधार बनाकर अब आरएसएस और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह कह रहे हैं कि मोदी राज्य की सेवा अगले आम चुनावों तक करते रहेंगे।
यह बात जरूर है कि मोदी को पार्टी ने गोवा अधिवेशन में 2014 आम चुनाव के लिए पार्टी की चुनावी समिति का अध्यक्ष बनाया था, अब मोदी इस पद से इस्तीफा दे देंगे। पार्टी के इस ऐलान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। बाद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मनाने के बाद आडवाणी ने अपना इस्तीफा वापस लिया।
हाल में भी पार्टी ने मोदी को जब पीएम प्रत्याशी बनाए जाने का मन बनाया था, तब भी आडवाणी ने पार्टी के भीतर इसका तीखा विरोध किया था, लेकिन पार्टी ने इनके विरोध को दरकिनार कर दिया।
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