त्रिची:
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच होने वाली बातचीत की जरूरत पर सवाल खड़े किए हैं, जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ‘दिन-रात’ सेना के जवानों और मासूम लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं।
त्रिची में एक रैली को संबोधित करते हुए गुरुवार को मोदी ने पाकिस्तान से निपटने के लिए ‘एक कमजोर नीति का पालन’ करने पर केंद्र को आड़े हाथ लिया।
मोदी ने कहा, ‘ऐसा कैसे होता है कि पाकिस्तानी सैनिक हमारी सरजमीं पर आकर हमारे सैनिकों का गला काट देते हैं और उनके सिर अपने साथ ले जाते हैं? क्या वजह है कि पाकिस्तानी सेना सीमा पर हमारे जवानों को मौत के घाट उतारती है और दिल्ली की सरकार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बिरयानी खिलाने पर प्रोटोकॉल की दुहाई देती है?’
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जंग के मैदान में जितने सैनिक शहीद नहीं हुए, उससे ज्यादा तो आतंकवादियों की गोलियों की भेंट चढ़ गए। मुझे इस बात का गुस्सा है कि दिल्ली में ऐसी सरकार है।’
गौरतलब है कि आज हुए दोहरे फिदायीन हमले में आतंकवादियों ने जम्मू क्षेत्र में एक पुलिस थाने और थलसेना के एक शिविर को निशाना बनाया जिसमें सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 10 लोग मारे गए। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब 29 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क में मुलाकात करने वाले हैं।
प्रस्तावित बातचीत के बाबत मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपसे एक सवाल करना चाहता हूं - जब हमारे सैनिक और मासूम नागरिक दिन-रात मारे जा रहे हों, आतंकवादी हमें परेशान करना जारी रखे हुए हों, हमारे निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार रहे हों, तो ऐसे हालात में क्या यह केंद्र सरकार का जल्दबाजी में किया गया फैसला नहीं है कि वह पाकिस्तानी नेताओं से बात कर रही है?’’
मोदी ने कहा, ‘एक सवाल हर नागरिक के जेहन में आता है कि क्या हम वाकई इतने कमजोर हैं कि हमारे पड़ोसी जो चाहे करें और हम कोई प्रतिक्रिया न करें। हमें इसके लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है कि हम अपनी आंखें बंद कर चुपचाप इन यातनाओं को सहें।’’
अपने संबोधन में मोदी ने पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भी केंद्र पर निशाना साधा।
मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान गुजरात तट के पास बड़ी तादाद में मछुआरों को गिरफ्तार कर लेता है और उन्हें छह महीने से साल भर जेल में रखता है। उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। श्रीलंका भी अब यही तरीका अपनाने लगा है। दरअसल समस्या समुद्र में नहीं, केंद्र में है।’
लोगों से यूपीए सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र की एक कमजोर सरकार ने भारत के पड़ोसियों को साहसी बना दिया है।
मोदी ने कहा, ‘ऐसी स्थिति की सबसे बड़ी वजह यह है कि पड़ोसी देश भारत को हल्के में लेते हैं। इन समस्याओं का प्रमुख कारण यही है।’
पिछले साल फरवरी में दो इतालवी मरीनों द्वारा दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के मुद्दे पर मोदी ने कहा, ‘मैं तो इस बात पर हैरान हूं कि लोग इटली से आकर 1.2 अरब की आबादी वाले इस देश में केरल तट पर मछुआरों की हत्या कर देते हैं।’
आर्थिक बदहाली के मुद्दे पर भी मोदी ने केंद्र की आलोचना की।
त्रिची में एक रैली को संबोधित करते हुए गुरुवार को मोदी ने पाकिस्तान से निपटने के लिए ‘एक कमजोर नीति का पालन’ करने पर केंद्र को आड़े हाथ लिया।
मोदी ने कहा, ‘ऐसा कैसे होता है कि पाकिस्तानी सैनिक हमारी सरजमीं पर आकर हमारे सैनिकों का गला काट देते हैं और उनके सिर अपने साथ ले जाते हैं? क्या वजह है कि पाकिस्तानी सेना सीमा पर हमारे जवानों को मौत के घाट उतारती है और दिल्ली की सरकार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बिरयानी खिलाने पर प्रोटोकॉल की दुहाई देती है?’
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जंग के मैदान में जितने सैनिक शहीद नहीं हुए, उससे ज्यादा तो आतंकवादियों की गोलियों की भेंट चढ़ गए। मुझे इस बात का गुस्सा है कि दिल्ली में ऐसी सरकार है।’
गौरतलब है कि आज हुए दोहरे फिदायीन हमले में आतंकवादियों ने जम्मू क्षेत्र में एक पुलिस थाने और थलसेना के एक शिविर को निशाना बनाया जिसमें सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 10 लोग मारे गए। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब 29 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क में मुलाकात करने वाले हैं।
प्रस्तावित बातचीत के बाबत मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपसे एक सवाल करना चाहता हूं - जब हमारे सैनिक और मासूम नागरिक दिन-रात मारे जा रहे हों, आतंकवादी हमें परेशान करना जारी रखे हुए हों, हमारे निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार रहे हों, तो ऐसे हालात में क्या यह केंद्र सरकार का जल्दबाजी में किया गया फैसला नहीं है कि वह पाकिस्तानी नेताओं से बात कर रही है?’’
मोदी ने कहा, ‘एक सवाल हर नागरिक के जेहन में आता है कि क्या हम वाकई इतने कमजोर हैं कि हमारे पड़ोसी जो चाहे करें और हम कोई प्रतिक्रिया न करें। हमें इसके लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है कि हम अपनी आंखें बंद कर चुपचाप इन यातनाओं को सहें।’’
अपने संबोधन में मोदी ने पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भी केंद्र पर निशाना साधा।
मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान गुजरात तट के पास बड़ी तादाद में मछुआरों को गिरफ्तार कर लेता है और उन्हें छह महीने से साल भर जेल में रखता है। उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। श्रीलंका भी अब यही तरीका अपनाने लगा है। दरअसल समस्या समुद्र में नहीं, केंद्र में है।’
लोगों से यूपीए सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र की एक कमजोर सरकार ने भारत के पड़ोसियों को साहसी बना दिया है।
मोदी ने कहा, ‘ऐसी स्थिति की सबसे बड़ी वजह यह है कि पड़ोसी देश भारत को हल्के में लेते हैं। इन समस्याओं का प्रमुख कारण यही है।’
पिछले साल फरवरी में दो इतालवी मरीनों द्वारा दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के मुद्दे पर मोदी ने कहा, ‘मैं तो इस बात पर हैरान हूं कि लोग इटली से आकर 1.2 अरब की आबादी वाले इस देश में केरल तट पर मछुआरों की हत्या कर देते हैं।’
आर्थिक बदहाली के मुद्दे पर भी मोदी ने केंद्र की आलोचना की।
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