
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा तमाम केंद्रीय मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगाए जाने के बाद सरकार की ओर से सफाई आई है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार का कहना है कि यह बदले की कार्रवाई नहीं है। सचिवों की नियुक्ति में राजनीति नहीं हो रही है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री कार्यालय ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित आठ मंत्रालयों में निजी सचिवों की नियुक्ति को होल्ड पर डाल दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर एक रिपोर्ट मांगी है और इसकी जांच के बाद ही इसका रास्ता साफ हो सकेगा। उन्होंने कहा, सरकार इस संबंध में एक नीति बनाने की प्रक्रिया में है कि क्या उन अधिकारियों को ही इस पद पर बनाए रखा जाए, खास कर वे अधिकारी जो पूर्व की यूपीए सरकार में मंत्रियों के समय थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी अलोक सिंह को अपना निजी सचिव बनाना चाहते हैं, जो कि पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ काम कर चुके हैं।
गौरतलब है कि किसी मंत्री के निजी कर्मचारी को सरकार की अहम फाइलों और नीति निर्णय तक सीधी पहुंच होती है।
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