सूरत में यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तारी से बचकर भाग रहे नारायण साईं को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दबोच लिया है। नारायण साईं आसाराम का बेटा है।
नारायण साईं को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। नारायण साईं हुलिया बदल कर रहा था और वह करीब दो महीना से फरार था। नारायण साईं को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और गुजरात समेत अन्य राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
उसके एक सहयोगी हनुमान को भी उसके साथ गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने सिख जैसा वेश बना रखा था। गुजरात पुलिस का एक दल अक्टूबर के बीच में दिल्ली आया था और उसने रोहिणी, नजफगढ़, जफरपुर कलां और रिज रोड स्थित आसाराम के आश्रमों पर कई छापे मारे थे, लेकिन नारायण साईं का पता नहीं लगा सका था।
नारायण साईं को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहां से नारायण को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया। इस बीच, उसके कुछ समर्थक कोर्ट के बाहर पहुंच गए और हंगामा करने लगे। हालांकि कोर्ट में पुलिस का खास बंदोबस्त किया गया है और उन्होंने नारायण साईं के समर्थकों को कोर्ट से बाहर निकाल दिया।
सूरत स्थित दो बहनों की ओर से आसाराम और नारायण साईं पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सूरत पुलिस ने जहांगीरपुरा पुलिस थाने में 6 अक्टूबर को दोनों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। दोनों बहनों में छोटी ने साईं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि साईं ने 2002 से 2005 के बीच सूरत आश्रम में लड़की का लगातार यौन उत्पीड़न किया।
सूरत के जहांगीरपुरा पुलिस थाने में दो शिकायत दर्ज होने के बाद आसाराम के खिलाफ शिकायत को अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाना स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि कथित घटना उसी इलाके में हुई थी। दोनों बहनों में से बड़ी ने आसाराम पर 1997 से 2006 के दौरान लगातार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उस समय वह अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में आश्रम में रह रही थी। राजस्थान के अपने जोधपुर आश्रम में एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 72-वर्षीय आसाराम को अगस्त में गिरफ्तार कर लिया गया और अभी वह जेल में हैं।
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