केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने जवाहरलाल नेहरू के समय से कांग्रेस के शासनकाल के दौरान दो दशकों तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों पर जासूसी की खबरों के मामले में शनिवार को पूरी तरह जांच की वकालत की।
उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के लाड़ले सपूत हैं। खबरें हैं कि उनके परिवार के लोगों पर नजर रखी जा रही थी कि वे किससे मिल रहे हैं, वे कहां जा रहे हैं। मुझे लगता है कि पूरी तरह जांच होनी चाहिए और सारे तथ्य सामने आने चाहिए।’’ नायडू ने कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह चौंकाने वाला मामला है। नेताजी लोगों के प्यारे हैं। निगरानी की बातें कहां तक सच हैं। किनके शासनकाल में यह हुआ। कौन जिम्मेदार है? लोगों को पूरा सच पता चलना चाहिए।’’ नायडू ने हैरानी जताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता अपमानित क्यों महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मामले में आगे पड़ताल की जाए और पूरी जानकारी सामने लाई जाए तो किसी को आपत्ति जताने की जरूरत नहीं है।’’ हाल ही में उजागर हुईं खुफिया ब्यूरो की फाइलों के मुताबिक नेताजी के दो भतीजों शिशिर कुमार बोस और अमीय नाथ बोस समेत उनके करीबी रिश्तेदारों पर 1948 से 1968 तक करीब 20 साल नजर रखी गई।
विपक्षी कांग्रेस ने इन खबरों को खारिज करते हुए भाजपा-नीत सरकार को आड़े हाथ लिया।
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