मैसूर सेंट्रल जेल में सज़ायाफ्ता कैदियों ने अंग्रेजी के मशहूर नाटककार विलियम शेक्सपियर के ट्रेजेडी मकबेथ का मंचन किया, जिसे लेकर लोगों में ख़ास दिलचस्पी दिखी।
वीरप्पन के साथ मिलकर अपहरण की वारदातों को अंजाम देने का दोषी अनागु राज इस जेल में 17 साल की सज़ा काट रहा है और इस नाटक में वह भी शामिल है। वह कहता है, 'जो गलती मैंने अपने जीवन में की उसे स्वीकारना और फिर सुधार की कोशिश का इस नाटक में लेडी मकबेथ के ज़रिये बेहतरीन मिसाल हमें मिलती है।'
इन कैदियों ने साहित्य अकादमी के बैनर तले मारनायक के नाम से कन्नड़ भाषा में मकबेथ का मंचन किया। दरअसल एक एनजीओ के साथ मिलकर कैदियों में नाटक और ऐसी ही दूसरी कलाओं के ज़रिये सकारात्मक सोंच विकसित करने की कोशिश पूर्व एडीजीपी गोपाल होसूर ने शरू की थी। उन्होंने बताया की राज्य सरकार ने भी इस कोशिश में साथ दिया और इस मद के लिए बजट से 30 लाख रुपये जारी किए।
कैदियों की इस पेशकश को देखने आए कर्नाटक के मौजूदा एडीजीपी कारागार कमल पंत ने बताया कि राज्य के सभी केंद्रीय कारागारों में ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का फैसला लिया गया है, क्योंकि इससे न सिर्फ नाटक में हिस्सा ले रहे कैदियों में सकारात्मक सोंच बढ़ती है, बल्कि देखने वाले भी काफी प्रभावित होते हैं।
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