लखनऊ/मुजफ्फरनगर:
दंगे के बाद तेजी से अमन की ओर बढ़ रहे उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को कर्फ्यू में दिनभर ढील रही। इस दौरान किसी हिंसा की खबर नहीं आई। जिले के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात है। दंगे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने शुक्रवार को बताया कि तेजी से सुधरते हालात के मद्देनजर तीनों थाना क्षेत्रों- सिविल लाइन, कोतवाली और नई मंडी में आज से दिन का (सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक) कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया गया। सभी स्थानों पर शांति रही।
कुमार ने कहा कि अब केवल रात के वक्त ही कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। आने वाले दिनों में हालात इसी तरह शांतिपूर्ण रहे तो कर्फ्यू में ढील की अवधि और बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर व आस-पास के जिलों में जगह-जगह पर सुरक्षा बलों की तैनाती है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं।
हिंसा में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 47 हो गई। इनमें से मुजफ्फरनगर में 38, शामली में 3, सहारनपुर में 1, बागपत में 3 व मेरठ में 2 लोगों की मौत हुई।
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि मेरठ के जानी इलाके में एक और मुजफ्फरनगर के भोपा व सिखेड़ा थाना क्षेत्र में आज एक-एक शव (कुल तीन) बरामद हुए हैं, जिनकी स्थिति पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट हो सकेगी।
अब तक 2,023 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए, जिनमें से 1,200 शस्त्र थानों में जमा कराए जा चुके हैं। इसके अलावा 182 अवैध शस्त्र विभिन्न जिलों से बरामद किए गए। मुजफ्फरनगर में अब तक कुल 504 लोग गिरफ्तार किए गए और 12 हजार लोग पाबंद किए गए।
हिंसा में करीब चालीस हजार लोग बेघर हो गए हैं, जो राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पीड़ितों की मदद के लिए करीब 38 राहत शिविर बनाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के कवाल इलाके में लगभग दो सप्ताह पूर्व एक लड़की से छेड़छाड़ की एक घटना के बाद दो गुटों में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत से लौट रहे लोगों पर शरारती तत्वों ने पथराव किया, जिसके बाद जिले में हिंसा भड़क उठी। हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल गई।
प्रदेश सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को घोषित सहायता राशि (10 लाख रुपये प्रति मृतक) वितरण का काम शुरू कर दिया गया है। अब तक 3 करोड़ 1 लाख 20 हजार रुपये बतौर मुआवजा बांटे जा चुके हैं।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने शुक्रवार को बताया कि तेजी से सुधरते हालात के मद्देनजर तीनों थाना क्षेत्रों- सिविल लाइन, कोतवाली और नई मंडी में आज से दिन का (सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक) कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया गया। सभी स्थानों पर शांति रही।
कुमार ने कहा कि अब केवल रात के वक्त ही कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। आने वाले दिनों में हालात इसी तरह शांतिपूर्ण रहे तो कर्फ्यू में ढील की अवधि और बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर व आस-पास के जिलों में जगह-जगह पर सुरक्षा बलों की तैनाती है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं।
हिंसा में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 47 हो गई। इनमें से मुजफ्फरनगर में 38, शामली में 3, सहारनपुर में 1, बागपत में 3 व मेरठ में 2 लोगों की मौत हुई।
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि मेरठ के जानी इलाके में एक और मुजफ्फरनगर के भोपा व सिखेड़ा थाना क्षेत्र में आज एक-एक शव (कुल तीन) बरामद हुए हैं, जिनकी स्थिति पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट हो सकेगी।
अब तक 2,023 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए, जिनमें से 1,200 शस्त्र थानों में जमा कराए जा चुके हैं। इसके अलावा 182 अवैध शस्त्र विभिन्न जिलों से बरामद किए गए। मुजफ्फरनगर में अब तक कुल 504 लोग गिरफ्तार किए गए और 12 हजार लोग पाबंद किए गए।
हिंसा में करीब चालीस हजार लोग बेघर हो गए हैं, जो राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पीड़ितों की मदद के लिए करीब 38 राहत शिविर बनाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के कवाल इलाके में लगभग दो सप्ताह पूर्व एक लड़की से छेड़छाड़ की एक घटना के बाद दो गुटों में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत से लौट रहे लोगों पर शरारती तत्वों ने पथराव किया, जिसके बाद जिले में हिंसा भड़क उठी। हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल गई।
प्रदेश सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को घोषित सहायता राशि (10 लाख रुपये प्रति मृतक) वितरण का काम शुरू कर दिया गया है। अब तक 3 करोड़ 1 लाख 20 हजार रुपये बतौर मुआवजा बांटे जा चुके हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मुजफ्फरनगर में कर्फ्यू, मुजफ्फरनगर में दंगा, समुदायों में हिंसा, यूपी में सांप्रदायिक दंगा, पत्रकार की मौत, मुजफ्फरनगर में सेना, Communal Tension In Mujaffarnagar, Communal Riots In UP