मुजफ्फरनगर और शामली में दंगों के बाद बने राहत कैंपों को बंद कराने का काम जारी है। प्रशासन के इस तरह अचानक हरकत में आने से इन कैंपों में रह रहे शरणार्थी परेशान हैं।
कड़ाके की सर्दी में अपने परिवारों के साथ वह अपने पुराने घर नहीं लौटना चाहते। मुआवजे की रकम से अब तक नए घर बने नहीं हैं।
इससे पूर्व मंगलवार को यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के बाद बने राहत शिविरों को अगले 3−4 दिन में बंद करने के आदेश दिए हैं।
प्रशासन दावा कर रहा है कि दंगा पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिल चुका है और वह अपनी मर्जी से कैंप छोड़ रहे हैं, लेकिन एनडीटीवी की टीम ने जब लोई गांव का दौरा किया तो पता चला कि पीड़ित परिवारों ने कहा कि उन्हें कैंप छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। बेघर हुए लोग अपने बाल बच्चों के साथ ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर हैं।
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