यह ख़बर 17 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रघुवंश और नंबूदरी को मूर्तिदेवी पुरस्कार

खास बातें

  • ज्ञानपीठ का प्रतिष्ठित मूर्तिदेवी पुरस्कार हिन्दी के प्रतिष्ठित लेखक डॉ रघुवंश और मलयालम के जाने-माने कवि एए नंबूदरी को प्रदान किया जाएगा।
New Delhi:

ज्ञानपीठ का प्रतिष्ठित मूर्तिदेवी पुरस्कार हिन्दी के प्रतिष्ठित लेखक डॉ रघुवंश और मलयालम के जाने-माने कवि एए नंबूदरी को प्रदान किया जाएगा। भारतीय साहित्य के दोनों सशक्त हस्ताक्षरों को क्रमश: 22वां और 23वां मूर्तिदेवी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ज्ञानपीठ द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि वर्ष 2008 का 22वां मूर्तिदेवी पुरस्कार हिन्दी के वरिष्ठ लेखक डॉ रघुवंश को उनकी किताब पश्चिम भौतिक संस्कृति का उत्थान और पतन के लिए दिया जाएगा। वहीं, 2009 का 23वां मूर्तिदेवी पुरस्कार मलयालम कवि अक्कितम अच्युतम नंबूदरी की चयनित कविताओं की किताब पर देने की घोषणा की गई। विज्ञप्ति के मुताबिक, डॉ रघुवंश की किताब पश्चिम भौतिक संस्कृति का उत्थान और पतन केवल पश्चिमी संस्कृति की पड़ताल नहीं करती है, बल्कि बीते वक्त की विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के विकास की प्रक्रिया और उनके कारणों की परखती है। इस पर भारतीय संस्कृति और समाज का गहरा प्रभाव है। मलयालम कवि नंबूदरी वर्तमान भारतीय भाषाओं के सबसे सशक्त हस्ताक्षर हैं। उपनिषदों और आधुनिक भारतीय विचारक गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए भारतीय दर्शन और नैतिक मूल्यों की झलक उनकी कविताओं में देखी जा सकती है। वह कल्पनाशीलता और सशक्त शब्द भंडार के धनी कवि हैं और आधुनिक साहित्य संपदा को समृद्ध करने में उनका अहम योगदान है। भारतीय ज्ञानपीठ के 22वें और 23वें मूर्तिदेवी पुरस्कार की चयन समिति की बैठक टीएन चतुर्वेदी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रो. सत्यदेव शास्त्री, डॉ प्रतिभा रॉय, प्रो. वशिष्ठ प्रसाद जैन, साहू अखिलेश जैन, प्रो. के सच्चिदानंदन और रवींद्र कालिया मौजूद थे।


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