कर्नाटक के धारवाड में एम एम कलबुर्गी की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केस की निगरानी बंद की. कोर्ट ने कलबुर्गी की पत्नी की याचिका पर सुनवाई बंद की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIT पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, इसलिए इस मामले में अब कुछ नहीं बचा है. बता दें कि कर्नाटक के धारवाड में एम एम कलबुर्गी की हत्या के मामले में कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. इससे पहले जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, कर्नाटक सरकार और CBI को जवाब को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. वहीं NIA ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि ये आतंकवाद संबंधी मामला नहीं है.
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30 अगस्त 2015 में हुई हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT जांच कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि वो राज्य की पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है. इसी तरह गोविंद पनसारे और नरेंद्र दोभोलकर की हत्या हुई लेकिन पुलिस जांच में कुछ सामने नहीं आया है.
दिसंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनसारे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश हत्याकांड के लिंक जुडे हैं तो फिर एक ही एजेंसी से इनकी जांच होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि इन मामलों में आपस में कोई कड़ी है या नहीं कोर्ट ने कहा था कि अगर सीबीआई को इनमामलों में कडी जुडती नजर आती है तो जांच सीबीआई को सौंप देंगे.
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दाभोलकर केस की जांच कर रही है सीबीआई
इस दौरान कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कलबुर्गी और गौरी लंकेश हत्याकांड में गहरा लिंक है और तीन महीने में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी.
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