मुम्बई यूनिवर्सिटी का फाइल फोटो...
मुम्बई:
एक ऐतिहासिक फैसले में मुम्बई विश्वविद्यालय ने न्यूनतम अंक पात्रता रद्द की है। अब यूनिवर्सिटी में एफ वाई हो या पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के लिए छात्रों को केवल पास होना जरुरी है। ऐसा फैसला लेने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय है।
मुम्बई विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर संजय देशमुख ने यह फैसला लागू कराया है। इस फैसले को सीनेट की मंजूरी भी मिल गई है।
अपने फैसले की सूचना देते हुए यूनिवर्सिटी के वीसी ने संवाददाताओं को बताया कि किसी को भी केवल कम अंक होने पर अगली पढ़ाई से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। पढ़ने और आगे बढ़ने का मौका सभी के लिए एक समान होना चाहिए। इस धारणा से विश्वविद्यालय के कोर्सेस के लिए यह फैसला लागू किया गया है।
इससे पहले मुम्बई विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए ओपन कैटेगिरी के लिए न्यूनतम 45% तो रिजर्व कैटिगिरी के लिए 40% अंक से उत्तीर्ण होना जरुरी था।
मुम्बई विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर संजय देशमुख ने यह फैसला लागू कराया है। इस फैसले को सीनेट की मंजूरी भी मिल गई है।
अपने फैसले की सूचना देते हुए यूनिवर्सिटी के वीसी ने संवाददाताओं को बताया कि किसी को भी केवल कम अंक होने पर अगली पढ़ाई से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। पढ़ने और आगे बढ़ने का मौका सभी के लिए एक समान होना चाहिए। इस धारणा से विश्वविद्यालय के कोर्सेस के लिए यह फैसला लागू किया गया है।
इससे पहले मुम्बई विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए ओपन कैटेगिरी के लिए न्यूनतम 45% तो रिजर्व कैटिगिरी के लिए 40% अंक से उत्तीर्ण होना जरुरी था।
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