मुंबई ट्रेन सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए अब्दुल वाहिद।
मुंबई:
मुंबई में 7/11 के रेल बम धमाकों के आरोपों से बरी एक मात्र शख्स अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख का कहना है कि उसके 9 साल बर्बाद हो गए। वाहिद का दावा है कि जिस तरह धमाकों में मारे गए लोग पीड़ित हैं, उसी तरह वह भी पीड़ित हैं।
नौ साल पहले अब्दुल वाहिद बच्चों को पढ़ाते थे, तभी 11 जुलाई को मुंबई में सिलेसिलेवार ट्रेन धमाके हुए। अब्दुल को धमाकों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। 9 साल बाद अदालत ने उन्हें सारे आरोपों से बरी कर दिया। लेकिन अब न उनकी आंखों में बच्चों को पढ़ाने के लिए पहले जैसी ताकत बची है और न ही जिंदगी को लेकर ख्वाब।
एन डी टी वी से बात करते हुए अब्दुल वाहिद ने बताया कि 9 सालों में उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है। अब उनके पास करने को कुछ नहीं है। जिंदगी सड़क पर आ चुकी है। वाहिद को खुद जेल की चाहरदीवारी से छूटने की खुशी है, लेकिन उनका कहना है कि धमाके के 12 गुनाहगार भी निर्दोष हैं। वे भी उसी तरह धमाकों के पीड़ित हैं, जिस तरह धमाकों में मारे गए 188 लोग।
शुक्रवार को दोषी ठहराए गए सभी 12 गुनाहगारों की सजा पर बहस शुरू हो चुकी है। अदालत में सभी ने खुद को निर्दोष बताया। सारे गुनहगारों के वकीलों ने उनकी सजा कम करने के लिए आवेदन भी दिया। उनकी हेल्थ रिपोर्ट मंगाने पर अदालत ने हामी भर दी है, लेकिन प्रोबेशन रिपोर्ट और अपराध को कम करने वाले गवाहों के साक्ष्य पर फैसला मंगलवार को होगा।
सजा पर बहस में अमूमन पहले अभियोजन पक्ष सजा की मांग और उसके पक्ष में दलील पेश करता है, लेकिन सोमवार को मकोका कोर्ट में उल्टा हुआ। सबसे पहले दोषियों के बयान लिए गए और उन्हें क्यों कम से कम सजा दी जाए इस पर बचाव पक्ष को पहले दलील पेश करने दी गई। मंगलवार को बहस जारी रहेगी।
नौ साल पहले अब्दुल वाहिद बच्चों को पढ़ाते थे, तभी 11 जुलाई को मुंबई में सिलेसिलेवार ट्रेन धमाके हुए। अब्दुल को धमाकों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। 9 साल बाद अदालत ने उन्हें सारे आरोपों से बरी कर दिया। लेकिन अब न उनकी आंखों में बच्चों को पढ़ाने के लिए पहले जैसी ताकत बची है और न ही जिंदगी को लेकर ख्वाब।
एन डी टी वी से बात करते हुए अब्दुल वाहिद ने बताया कि 9 सालों में उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है। अब उनके पास करने को कुछ नहीं है। जिंदगी सड़क पर आ चुकी है। वाहिद को खुद जेल की चाहरदीवारी से छूटने की खुशी है, लेकिन उनका कहना है कि धमाके के 12 गुनाहगार भी निर्दोष हैं। वे भी उसी तरह धमाकों के पीड़ित हैं, जिस तरह धमाकों में मारे गए 188 लोग।
शुक्रवार को दोषी ठहराए गए सभी 12 गुनाहगारों की सजा पर बहस शुरू हो चुकी है। अदालत में सभी ने खुद को निर्दोष बताया। सारे गुनहगारों के वकीलों ने उनकी सजा कम करने के लिए आवेदन भी दिया। उनकी हेल्थ रिपोर्ट मंगाने पर अदालत ने हामी भर दी है, लेकिन प्रोबेशन रिपोर्ट और अपराध को कम करने वाले गवाहों के साक्ष्य पर फैसला मंगलवार को होगा।
सजा पर बहस में अमूमन पहले अभियोजन पक्ष सजा की मांग और उसके पक्ष में दलील पेश करता है, लेकिन सोमवार को मकोका कोर्ट में उल्टा हुआ। सबसे पहले दोषियों के बयान लिए गए और उन्हें क्यों कम से कम सजा दी जाए इस पर बचाव पक्ष को पहले दलील पेश करने दी गई। मंगलवार को बहस जारी रहेगी।
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