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This Article is From Jul 14, 2011

कहीं यह आत्मघाती हमला तो नहीं था...

मुंबई में हुए धमाकों के बाद मिले धड़ से अलग हुए इस सिर को देखकर आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये आत्मघाती हमला तो नहीं था।
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Mumbai: मुंबई में हुए धमाके के बाद मिले एक शव पर इलेक्ट्रिक वायर मिले हैं। गृहसचिव आरके सिंह का कहना है कि फिदायीन हमले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। जांच एजेंसियां अब इस पहलू की भी जांच की जा रही है। सीरियल धमाकों के बाद मिले एक सिर ने भी जांच एजेंसियों को उलझा दिया है। मुंबई धमाकों पर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी बिना धड़ वाले इस सिर की बात कही थी। मुंबई में हुए सीरियल धमाकों के पीछे कौन लोग हैं, किस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, ऐसे तमाम सवालों के जवाब पाने के लिए पुलिस एनएसजी और फोरेंसिक अधिकारियों की टीम जुटी हुई है। बीती शाम मुंबई के तीन भीड़−भाड़ वाले इलाकों में धमाके हुए जिनमें 18 लोगों की मौत हो गई है और 131 लोग घायल हो गए हैं। इनमें 23 की हालत गंभीर बनी हुई है। ये धमाके जावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर में हुए। इन तीनों इलाकों की घेराबंदी करके जांच की जा रही है। बारिश सबूतों को धो ना डाले इसके लिए घटनास्थलों को कवर किया गया है। सरकार ने मरने वालों के परिवारों को पांच−पांच लाख रुपये और घायलों को 50−50 हजार  रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुंबई के जावेरी बाजारा, ओपेरा हाउस और दादर में तीनों धमाके 11 मिनट के भीतर हुए। पहला धमाका बुधवार शाम छह बजकर 54 मिनट पर जावेरी बाजार के डायमंड एरिया में हुआ। दूसरा धमाका ओपेरा हाउस में छह बजकर 55 मिनट पर हुआ जबकि तीसरा धमाका शाम सात बजकर पांच मिनट पर दादर के कबूतरखाना इलाके में बस स्टॉप के पास हुआ। धमाकों के बाद मुंबई समेत देश के कई दूसरे शहरों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स एनएसजी के कमांडोज़ को अलर्ट पर रहने को कह दिया गया है। एनएसजी के छह सदस्यों वाले जांच दल ने सुबह सवा चार बजे के आसपास दादर के कबूरखाना इलाके में जाकर मुआयना किया और वहां से सैंपल जमा किए। बीएसएफ के विमान से 7 फोरेंसिक एक्सपर्ट दिल्ली से मुंबई पहुंच गए हैं। इसके अलावा पुणे की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के अधिकारियों ने दादर का दौरा किया। वहां घटना स्थल पर मौजूद सबूतों को बारिश से बचाने के इंतजाम किए गए हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट खासतौर से धमाकों के तरीके और उनमें इस्तेमाल विस्फोटक की जांच कर रहे हैं। धमाकों की जांच में मुंबई पुलिस की मदद के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की छह सदस्यों की टीम भी मुंबई पहुंच गई है।  जावेरी बाजार इससे पहले भी कई बार आतंक के निशाने पर रहा है। 1993 के बाद 2002 में भी जावेरी बाजार में धमाके हुए। बुधवार शाम हुए धमाके ने मुंबई के सबसे बिजी व्यवसायिक केंद्र पर हमला कर यहां के कारोबारियों को निशाना बनाया है। इसमें आठ लोग मारे गए हैं। दो दिन पहले ही 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए धमाकों की 5वीं बरसी थी। मुंबई में एक के बाद एक तीन बम धमाकों के बाद तमाम अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी पर बुला लिया गया। खासतौर पर दक्षिण मुंबई के छह अस्पतालों में जहां ज्यादातर घायलों को भर्ती कराया गया है। सबसे ज्यादा 37 घायल सैफ़ी अस्पताल में भर्ती हैं। यहां पांच लोगों की मौत भी हुई है। इसके बाद 36 घायल हरकिशनदास अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। यहां भी पांच लोगों की मौत हुई है। सेंट जॉर्ज अस्पताल में 14 और जेजे अस्पताल में 13 लोगों को भर्ती कराया गया है। 10 लोग जीटी अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पतालों में खून की कमी ना पड़े इसके लिए भी खासतौर पर निर्देश दे दिए गए हैं। धमाकों के बाद चिदंबरम ने मुंबई जाकर जावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर में हालात का जायजा लिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने मंत्रालय में महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर आर पाटिल और मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक के साथ बैठक की। मुंबई जाने से पहले भी गृहमंत्री ने दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग की थी जिसके बाद उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी हमला है। मुंबई में हुए बम धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने का शक है। इंडियन मुजाहिदीन आमतौर पर जिस तरह से ब्लास्ट करता है मुंबई के तीनों धमाके भी उसी तरह से हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि इन धमाकों के पीछे रियाज़ भटकल और इकबाल भटकल हो सकते हैं।

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