विज्ञापन
This Article is From Aug 30, 2017

मुंबई: बारिश में 12 घंटे तक फंसी रहीं गर्भवती पत्रकार ने बयां किया आंखों देखा मंजर

यह मामला अधिक जटिल इसलिए था क्योंकि दिव्यांग कूपे में अनेक दिव्यांगों में आठ दृष्टिहीन थे साथ ही उनके साथ यात्रा करने वाली महिला पत्रकार सात माह की गर्भवती थीं.

मुंबई: बारिश में 12 घंटे तक फंसी रहीं गर्भवती पत्रकार ने बयां किया आंखों देखा मंजर
मुंबई में भारी बारिश से हालात खराब
मुंबई: मुंबई में मंगलवार को हुई बेतहाशा बारिश ने तेज रफ्तार वाले इस शहर की रफ्तार को रोक दिया और घरों ने निकले लोग जगह-जगह फंसे रहे. डोंबिवली से मुंबई जाने वाली ट्रेन में दिव्यांगों के लिए आरक्षित कूपे में अनेक दिव्यांगों के साथ ही एक महिला पत्रकार भी 12 घंटे तक फंसी रहीं. यह मामला अधिक जटिल इसलिए था क्योंकि दिव्यांग कूपे में अनेक दिव्यांगों में आठ दृष्टिहीन थे साथ ही उनके साथ यात्रा करने वाली महिला पत्रकार सात माह की गर्भवती थीं.

पत्रकार उर्मिला देथे ने बताया कि उन्होंने सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे ट्रेन पकड़ी थी. उन्होंने कहा कहा, मैं दिव्यांगों के लिये आरक्षित डिब्बे में चढ़ गई, जिसमें करीब 20 लोग सवार थे. इनमें से आठ दृष्टिहीन थे. उर्मिला खबर के सिलसिले में बॉम्बे उच्च न्यायालय जा रही थीं, लेकिन उनकी यात्रा गंतव्य पर पहुंचने से करीब 20 किमी पहले ही रुक गई और 12 घंटे तक पानी में फंसे रहने के बाद फायर ब्रिगेड की मदद से ट्रेन से निकाले जाने के साथ ही समाप्त हुई.

पढ़ें: मुंबई में बारिश का कहर: बारिश से हुए नुकसान और सरकार की तैयारियों की 10 ख़ास बातें

उर्मिला ने कहा, मेरी ट्रेन कुर्ला और सिओन के बीच फंस गयी थी. दोपहर तक मैंने मदद की गुहार लगायी. कुछ समय बाद मैं दिव्यांग सहयात्रियों के लिए चिंतित हो उठी और मैंने उनके पास ही रुकने का फैसला किया. अग्निशमन कर्मियों और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कोई भी रास्ता नहीं निकला.

 बारिश ने थामी मायानगरी की रफ्तार, तस्वीरों में देखें पानी-पानी हुई मुंबई

इसके बाद उर्मिला फोन के जरिये अपने पति से संपर्क करने में सफल हुयीं, लेकिन भारी बारिश के कारण वह भी उनके पास तक नहीं पहुंच सके. उनके पति उपनगरीय बांद्रा कुर्ला परिसर में काम करते हैं, हालांकि इस दौरान स्थानीय मददगार जरूरतमंद यात्रियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते रहेय

लेकिन शाम होने के साथ ही संकट गहरा गया और बचाव के लिए आये लोगों की संख्या भी घटने लगी. इसी बीच एक व्यक्ति ने एक स्थानीय किशोर को गर्दन तक गहरे पानी से बचाकर बाहर निकाला. वह पटरियों के बीच पानी के गहरे गड्ढे में गिर गया था. इसके बाद मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार को पत्रकार की स्थिति के बारे में पता चला और उन्हें फोन किया.

उन्होंने कहा, उनका (शेलार) का फोन बहुत आश्वस्त करने वाला था, लेकिन मोबाइल का नेटवर्क कमजोर पड़ने के साथ ही चिंता बढ़ने लगी. यह बचाने वालों के लिये भी बड़ी समस्या थी, जो उन्हें खोजने का प्रयास कर रहे थे. आखिरकार, लगभग 11.55 बजे एक छोर पर मुंबई फायर ब्रिगेड सीढ़ी को देख उन लोगों ने उस समय राहत की सांस ली. बचावकर्मियों ने उन्हें सीढ़ी पर चढ़ने का इशारा किया. उर्मिला ने भावुक होते हुये कहा, उन्होंने मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह उठाया और मैं ठीक से उनका धन्यवाद भी नहीं कर सकी

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com