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This Article is From Apr 22, 2015

म्याऊ-म्याऊ ड्रग माफिया बेबी गिरफ्तार, 40 दिन से मुंबई पुलिस से खेल रही थी आंख मिचौली

म्याऊ-म्याऊ ड्रग माफिया बेबी गिरफ्तार, 40 दिन से मुंबई पुलिस से खेल रही थी आंख मिचौली
मुंबई: मुंबई में म्याऊ-म्याऊ यानी MD ड्रग की सबसे बड़ी तस्कर बेबी पाटणकर 40 दिन की लुकाछिपी के बाद आखिरकार गिरफ्तार कर ली गई। बेबी को पनवेल में लग्‍जरी बस से गिरफ्तार किया गया। उसके साथ एक छोटी लड़की और एक युवक भी था। हालांकि उन दोनों को पुलिस ने जाने दिया। बेबी की गिरफ़्तारी के बाद मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच को दे दी गई है।

शशिकला पाटणकर उर्फ़ बेबी मुंबई में म्याऊ-म्याऊ ड्रग यानी के मेफेडरोन की सबसे बड़ी तस्कर है। 10 मार्च को सातारा में मुम्बई पुलिस के एक सिपाही धर्मराज कालोखे की गिरफ़्तारी के बाद बेबी का नाम उजागर हुआ था। पता चला कि बरामद 112 किलो एमडी ड्रग बेबी ने ही उसे मुंबई से सातारा में रखने को दिया था। तब से वो मुंबई पुलिस की आंख में धूल झोंक रही थी। मरीन ड्राइव पुलिस के अलावा मुंबई क्राइम ब्रांच की 20 टीमें उसकी तलाश में रात दिन एक किये हुई थी। पुलिस ने बेबी के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया था ताकि वो देश छोड़कर भाग नहीं पाए।

मुंबई पुलिस प्रवक्ता और पुलिस उपायुक्त धनंजय कुलकर्णी ने बताया कि मुंबई पुलिस की समाज सेवा शाखा ने गुप्त सूचना के आधार पर बेबी को मुंबई से बाहर पनवेल में बस के अंदर से गिरफ्तार किया। वो कुडाल से मुंबई आ रही थी।

बेबी के बारे में बताया जाता है कि पहले वो मुंबई पुलिस की मुखबिर थी। फिर नशे के धंधे से जुड़ गई। पुलिस की नज़रों से बचने के लिए उसने अनोखा तरीका अपनाया। अपने धंधे में कुछ पुलिस और कस्टम वालों को भी शामिल कर लिया था। अपने धंधे में शामिल ऐसे ही एक पुलिसवाले से हिस्से पर विवाद होने के बाद उसने गिरफ्तार भी करवा दिया था।

मरीन ड्राइव का पुलिस हवलदार धर्मराज कालोखे बेबी का नया साथी था। जिसके जरिये वो ड्रग की खेप यहां से वहां पहुंचाती थी। लेकिन सातारा में कालोखे की गिरफ़्तारी के बाद उसका राज खुल गया। जांच में कई पुलिस वाले और कस्टम अधिकारी भी शक के घेरे में हैं। यही वजह है कि मामले की जांच मरीन ड्राइव पुलिस से लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच को दे दी गई है।

वर्ली की रहने वाली बेबी कितनी शातिर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 40 दिनों में वो 2 बार मुंबई आई थी। अग्रिम जमनात के सन्दर्भ में वकील से भी मिली थी। लेकिन मुंबई पुलिस को भनक तक नहीं लगी। हैरानी की बात है कि उसके पास से सिर्फ एक मोबाइल फ़ोन मिला है जिसमे सिम कार्ड नहीं था। बेबी पर पहले से एनडीपीएस के 2 मामले दर्ज हैं।

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