देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है. देश में कोरोना से अब तक 850 से ज्यादा लोगों को की मौत हो चुकी है और 28 हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण के शिकार हैं. इस बीच मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने भी ये संकेत दिए हैं कि जिन इलाकों में कोरोना हॉटस्पॉट हैं, वहां लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है. उधर, कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में भी संक्रमितों का आंकड़ा 8 हजार पार कर गया है. 5500 से ज्यादा मामले अकेले मुंबई में हैं. मुंबई देश का पहला ऐसा शहर है जहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5500 पार कर गया है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने म्यूनिसिपल स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील करने का फैसला लिया है, जहां कोरोना के मरीजों को रखा जाएगा.
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के अधिकारियों ने कहा कि वे शहर में स्थित 1,200 नगरपालिका स्कूलों में से कुछ का उपयोग क्वारेंटाइन सेंटर के लिए करेंगे, लेकिन अभी इसकी संख्या तय नहीं की गई है. पिछले सप्ताह दिल्ली से एक केंद्रीय टीम कोरोना संकट का जायजा लेने के लिए मुंबई गई थी. इसके बाद सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटरों का दायरा और बढ़ाने का फैसला लिया है. बीएमसी के एक अधिकारी ने NDTV को बताया कि स्कूल में इस उद्देश्य के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं, क्योंकि उनके पास पर्याप्त शौचालय की सुविधा है और वे वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं.
स्कूलों के अलावा बीएमसी शहर के प्रमुख मैदानों पर भी सुविधाएं स्थापित करने की योजना बना रही है. इसके लिए बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने रविवार को गोरेगांव में NESCO प्रदर्शनी मैदान में तैयारियों का जायजा लिया. बीएमसी ने कहा कि नेस्को में 12 बिस्तर लगाया जा सकता है. इसके अलावा बीएमसी कमिश्नर ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स एमएमआरडीए ग्राउंड का भी निरीक्षण किया. यहां पर तीन हजार बिस्तर लगाया जा सकता है. इन दोनों केंद्रों पर बिना लक्षण वाले संदिग्ध कोरोना मरीजों को रखा जा सकता है.
सोमवार को मुंबई में कोविड-19 के नए मरीजों की संख्या में जबर्दस्त उछाल देखने को मिला. सोमवार को 395 लोग इससे संक्रमित हो गए. बीएमसी के मुताबिक मुंबई में कुल मरीजों की संख्या 5,589 हो गई है. बीएमसी के बयान के मुताबिक सोमवार को 15 मरीजों की मौत भी हो गई है. इस तरह कुल मौतों का आंकड़ा 219 हो गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार की टीम ने सुझाव दिया था कि राज्य सरकार को वर्तमान सुविधा में और ज्यादा बढ़ोतरी करने की जरूरत है ताकि नए मरीजों को इसमें रखा जा सके.
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