दहीहांडी के प्रमुख आयोजन रद्द होने से उत्सव की किरकिरी, ठंडी पड़ी प्रैक्टिस

फाइल फोटो

मुंबई:

मुम्बई के दहीहांडी उत्सव पर इस बार निराशा के बादल छा गए हैं। शहर के प्रमुख आयोजन रद्द होने से गोविंदाओं को समझ नहीं आ रहा की इस साल जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनेगा भी या नहीं। इस उत्सव पर एनसीपी का वर्चस्व है। लेकिन, सत्ता से बेदखल होते ही पार्टी नेताओ ने अपने आयोजन रद्द किए हैं। मुम्बई और ठाणे इलाके में इस साल आधा दर्जन बड़े आयोजन रद्द हुए हैं।

पिछले कुछ सालों में महानगरी मुम्बई का दहीहांडी उत्सव एक दिन में 25 करोड़ का टर्नओवर करता आ रहा है। इस उत्सव में करीब डेढ़ लाख खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। जिसमें सबसे छोटा दल 20 सदस्यों का होता है तो सबसे बड़ा दल 250 सदस्यों का। जन्माष्टमी के महीनाभर पहले से सभी ह्यूमन पिरामिड बनाने की प्रैक्टिस में जुट जाते हैं। लेकिन, इस साल एक के बाद एक आयोजन रद्द होने से गोविंदाओं में निराशा फैल गई है।

करीब डेढ़ हजार गोविंदा टोलियों का संगठन बने दहीहांडी समन्वय समिति के सचिव कमलेश भोईर ने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि गोविंदा टीम्स की परेशानी बढ़ी है। अबतक किया हुआ हमारा खर्च कहां से वसूल होगा यह सब से बड़ा सवाल अब हमारे सामने है।

दही से भरी मटकी फोड़ने के लिए इन्सानी चबूतरा बनाने की जन्माष्टमी के दिन मुम्बई में होड़ लगाती है। जिसमे प्रतियोगियों को 25 हजार से 1 लाख रुपये तक की रकम ईनाम में मिलती है। जो की इस साल शायद ही मिलेगी।

एनसीपी नेताओं ने अपने आयोजन रद्द कराने के पीछे अलग-अलग कारण दिए हैं। किसी का बहाना सूखा है तो किसी को कोर्ट के आदेश का डर सता रहा है।

मुम्बई एनसीपी के अध्यक्ष सचिन अहीर, जो खुद संकल्प प्रतिष्ठान के दहीहांडी उत्सव का आयोजन करते हैं, उन्होंने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि कोर्ट के निर्देश ही ऐसे हैं की हम इस साल से उत्सव मनाने की स्थिति में नहीं हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 20 फ़ीट से ऊंची हांडी पर पाबन्दी लगा दी है। साथ ही कहा है कि 12 साल से बड़े खिलाड़ी ही इसलिए मैदान में उतारे जाए।

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उधर बीजेपी ने एनसीपी की चुटकी ली है। पार्टी प्रवक्ता राम कदम ने कहा है कि सत्ता से दूर होने के बाद एनसीपी नेताओं के आयोजनों से स्पॉन्सर्स नदारद हो चुके होंगे। तभी इन्हें सूखा याद आया है। वैसे इस राजनितिक तिकड़म में मुम्बई का गोविंदा लड़खड़ा गया है। जो कभी स्पेन के ह्यूमन पिरामिड के वर्ल्ड रिकॉर्ड को टक्कर देने चला था।